मां ने दी थी हाथ पकडऩे की हिदायत
डौकी के पास बसे छोटे से गांव महिपतपुर की रौनक ही जैसे उजड़ चुकी है। शुक्रवार को गांव महिपतपुर में करुण क्रंदन लोगों की आंखें नम कर रहा था। धैर्य रखने की दिलासा देने वाले खुद भी मुंह मोड़कर रो रहे थे। स्कूल जाने से पहले प्रज्ञा, अपनी मां प्रीति से गले से लिपटकर गई थी। छोटी बहन लावाण्या का हाथ थाम घर से निकली तो मां की नजरें दोनों पर थीं। ध्यान रखने की हिदायत के साथ दोनों बेटियों को भेजा था। प्रीति को नहीं पता था कि प्रज्ञा को अंतिम बार देख रही है।

बेटी ने हाथ में लगाई मेंहदीं देख मो बेहोश
गुरुवार से उनकी जुबान पर बस एक ही गुहार है, मेरी बिटिया मुझे छोड़ गई, कोई तो बुला दो। ममता का हाल भी प्रीति से अलग नहीं है। बेटी दीप्ति और बेटे अरङ्क्षवद को गंवाने के बाद से गुमसुम हैं। पूरी रात जागती रहीं, महिलाओं ने प्रयास किया कि वह सो जाए, ममता ने पलक नहीं झपकाई है। हाथों में बेटी दीप्ति द्वारा एक दिन पहले लगाई मेंहदीं को देखते ही बेतहाशा रोने लगती हैं। ममता को रिश्तेदारी में होने वाली शादी में शामिल होने जाना था।

गांव में नहीं हुआ ऐसा हादसा
महिपतपुर की आबादी करीब 800 है। इसमें 500 मतदाता हैं। तीन बच्चों की मृत्यु के बाद शुक्रवार को भी अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। दोनों परिवार गुंजन की हालत की जानकारी लेते रहे। दीप्ति के चाचा चंदन ङ्क्षसह ने बताया कि गांव में कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ।

बाबा बोले, कार में सवार सभी पर हो कार्रवाई
दुर्घटना में तीसरी कक्षा में पढऩे वाली प्रज्ञा के बाबा सुरेंद्र पाल ङ्क्षसह ने बताया कि चालक ने तीन बच्चों की जान ली है। वह शराब पीकर कार चला रहा था। उनका दावा है कि कार में सवार तीन अन्य लोग भाग निकले। पुलिस ने सिर्फ चालक को ही आरोपी बनाया है। जबकि बाकी तीनों को भी आरोपी बनाना था। मौके पर पहुंचे जिस आरक्षी ने कार में पड़े रुपए अपनी जेब में रखे, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.पुलिस आरोपी चालक, कार को भी कब्जे में लिया है

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कार के रौंदने से घायल बच्ची कोमा में, एम्स भेजी
-कार की टक्कर से सात फीट दूर जाकर गिरी गुंजन का सिर पत्थर से टकराया था

-नशे में कार दौड़ाते चालक ने छह बच्चों को था रौंदा, तीन की हो चुकी है मृत्यु

आगरा। फतेहाबाद रोड पर डौकी के कछपुरा में गुरुवार सुबह नशे और नींद में तेज रफ्तार कार दौड़ाते चालक के रौंदने से घायल एक बच्ची की हालत गंभीर है। कोमा में पहुंचने के बाद उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली रेफर कर दिया गया है। अनियंत्रित कार ने छह बच्चों को रौंदा था। इनमें से तीन बच्चों दीप्ति, प्रज्ञा और अरङ्क्षवद की मृत्यु हो गई थी। रूपेश तोमर के दो बच्चों गुंजन (12), नमन (11) का जीआर अस्पताल में उपचार चल रहा है। परमहंस भदौरिया की पुत्री लावण्या (छह) भी यहां भर्ती है। कार की टक्कर लगने से हवा में उछलकर सात फीट दूर गिरी गुंजन का सिर पत्थर से टकराया था। चिकित्सकों ने 24 घंटे बाद परिजनों को उसकी स्थिति के बारे में बताने की कहा था। शुक्रवार सुबह हालत में सुधार नहीं दिखा। जहां चिकित्सकों ने एम्स भेज दिया।