- प्रोजेक्ट में ठीक से कार्य न होने पर ठेकेदार पर होगी कार्रवाई
- विभागीय समन्वय से एनओसी का करें निस्तारण: कमिश्नर
आगरा। स्मार्ट सिटी के हर प्रोजेक्ट की अलग-अलग समीक्षा की जाए। मंगलवार को नगर निगम स्थित स्मार्ट सिटी के कार्यालय में कमिश्नर अनिल कुमार ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने नगर आयुक्त अरुण प्रकाश और स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रोजेक्ट की अलग-अलग समीक्षा कर रिपोर्ट भेजें। उन्होंने प्रोजेक्ट्स की प्रगति न होने पर नाराजगी व्यक्त की।
तत्काल प्राप्त करें एनओसी
स्मार्ट सिटी की समीक्षा मीटिंग में कमिश्नर ने कहा कि जो प्रोजेक्ट एनओसी न मिलने के कारण लटके पड़े हैं, उनके लिए आपस में समन्वय स्थापित कर तत्काल एनओसी प्राप्त करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी की जिम्मेदारी तय कर स्मार्ट सिटी के कार्यो को कराया जाए। प्रोजेक्ट लेट होने पर ठेकेदार को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की बात कही। अधिकारियों से कहा कि जहां भी ठेकेदारों को दिक्कत आ रही है, उसका तुरन्त निस्तारण कराया जाए। ठेकेदारों को निर्देश दिए कि वे सुरक्षा मानकों का भी ख्याल रखें, जिससे कोई दुर्घटना न होने पाए।
सेल्फ क्लीनिंग टॉयलेट के ठेकेदार को नोटिस
कमिश्नर ने सेल्फ क्लीनिंग टॉयलेट के ठेकेदार को ठीक से कार्य न करने पर नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी किया है। कार्यो में सुधार न होने पर ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हेल्थ सेंटरों के कार्यो में तेजी लाने को कहा।
इन प्रोजेक्ट की समीक्षा
कमिश्नर ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत फतेहाबाद रोड पर चल रहे सौन्दर्यीकरण का काम स्ट्रीट वेन्डिंग जोन, हेल्थ सेंटर, चौराहों का सौन्दर्यीकरण, हेरीटेज वॉक का विकास, साइनेज वर्क, सीवरेज नेटवर्क समेत अन्य प्रोजेक्ट की समीक्षा की।
तकनीकी कमेटी का भी नहीं मिला लाभ
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए तकनीकी कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी को गठित करने के पीछे मुख्य कारण था कि प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में कोई तकनीकी दिक्कत न आए। तकनीकी कमेटी इसका निस्तारण करेगी।
इनको रखा गया था कमेटी में
- राज्य मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी
अपर निदेशक क्षेत्रीय नगरीय पर्यावरण
मुख्य अभियंता नगर निगम
स्मार्ट सिटी के वरिष्ठतम अभियंता
आईटी कम्प्यूटर क्षेत्र के सीनियर टेक्नीकल डायरेक्टर एनआईसी यूपी
मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग
मुख्य अभियंता जल निगम
313 करोड़ से अभी तक 109 करोड़ ही हो सके खर्च
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केन्द्रांश और राज्यांश से अभी तक 313 करोड़ की धनराशि मुहैया कराई जा चुकी है। इसमें अभी तक 109 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं। बड़ा सवाल ये है कि बजट खर्च हो भी तो कैस? निर्माण की निर्धारित तिथि समाप्त होने के बाद भी काम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर नजर
- 1000 करोड़ कुल स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट
- 5 वर्ष में पूरे किए जाने हैं विकास कार्य
- 23 परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं
- 19 परियोजनाएं है स्मार्ट सिटी की
- 313 करोड़ स्मार्ट सिटी के तहत अभी तक प्राप्त हो चुके हैं
- 109.42 करोड़ किए जा चुके हैं खर्च
- 300 करोड़ के कराए जा रहे हैं विकास कार्य
-एक प्रोजेक्ट पैन सिटी का, 18 प्रोजेक्ट एबीडी के हैं।
-62 चौराहों को किया जाना है विकसित
स्मार्ट सिटी के कार्यो पर एक नजर
प्रोजेक्ट का नाम
माइक्रो स्किल डेवलपमेंट सेंटर
जक्शन इम्प्रूवमेंट सिविल
अपग्रेडेशन नगर निगम स्कूल
नगर निगम हेल्थ सेंटर
सेल्फ क्लीनिंग टॉयलेट
ब्यूटीफिकेशन स्ट्रीट स्केपिंग
डेवलपमेंट ऑफ हेरीटेज वॉक
ताज ईस्ट ड्रेनेज
दो किमी। के दायरे में सौंदर्यीकरण
इम्प्रूमेंट ऑफ ट्रेडीशनल हाउस
एमएसआई कंट्रोल सेंटर
आईसीसीसी
वर्क ऑर्डर के बाद भी रुके पड़े प्रोजेक्ट्स
- 05.52 करोड़ से ताज के आसपास में पौधारोपण
- 52.30 करोड़ से फतेहाबाद रोड का सुन्दरीकरण व डक्ट का कार्य
- 03.17 करोड़ से हेरिटेज वॉक-वे का विकास
- 03.81 करोड़ की लागत से स्ट्रीट वेन्डिंग जोन