आगरा। शहर के अधिकतर कॉलेज परिसर में तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। लेकिन शिक्षण संस्थान के बाहर स्टूडेंट्स की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। अक्सर ईव टीजिंग समेत अन्य घटनाएं सामने आती हैं। इसी को देखते हुए शिक्षण संस्थानों के बाहर स्टूडेंट्स की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए शासनस्तर से पहल की गई। इसके तहत नगर निकाय को 5 वर्षों के लिए 15 बिन्दुओं पर कार्य योजना तैयार कर शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी। इसके बाद 15 जून से कार्य योजनाओं पर क्रियान्वयन का काम शुरू होगा।
इन बिन्दुओं पर भेजनी है रिपोर्ट
- पिंक टॉयलेट निर्माण
- बुजुर्गों को बस में फ्री सफर
- एनजीओ को कम ब्याज पर लोन मुहैया कराना
- लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना
- अन्नपूर्णा कैंटीन स्थापित में न्यूनतम रेट पर भोजन उपलब्ध कराना
- पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ देना
- स्ट्रीट वेेंडर स्थापित करना
- ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना
- हर घर में पेयजल उपलब्ध कराना
- 5 वर्षो में हर घर के एक सदस्य को रोजगार मुहैया कराना
सभी को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। 15 बिन्दुओं पर प्राप्त रिपोर्ट को शासन को भेज दिया जाएगा।
यशवर्धन श्रीवास्तव, एडीएम फाइनेंस
कई योजनाओं में पिछड़ा आगरा
जिन बिन्दुओं पर शासन से रिपोर्ट मांगी गई है, उन योजनाओं में कई आगरा में संचालित हैं। लेकिन इनकी प्रोगेस सवालों के घेरे में है। स्ट्रीट वेंडर का काम अधूरा पड़ा है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 42 हजार में से 36 हजार लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है। अभी ई वाहनों के लिए ई- चार्जिंग स्टेशन तैयार नहीं हो सके हैं। जबकि स्मार्ट सिटी के तहत फतेहाबाद रोड पर दो चार्जिंग स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों के लिए नुनिहाई में चार्जिंग स्टेशन एनओसी के चलते अधर में लटका पड़ा है। शहर मेें 30 पिंक टॉयलेट हैं। उनमें ताला लटका पड़ा है। पानी की भी व्यवस्था नहीं है। अभी 100 नए पिंक टॉयलेट बनाया जाना प्रस्तावित है।