आगरा(ब्यूरो)। इसके लिए बुधवार को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने हेतु संजय प्लेस स्थित होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की ओर से नगर निगम कर्मचारियों के लिए आयोजित की गई।

प्लास्टिक वेस्ट का मैनेजमेंट चुनौती
निगम के 123 कर्मचारियों ने इस वर्कशॉप में पार्टिसिपेट किया। वर्कशॉप में सीएसई के एमएसडब्ल्यू यूनिट के निदेशक अतिन बिस्वास ने बताया कि बेहतर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु सीएसई पिछले दो वर्ष से कार्यरत है। कूड़ा प्रबंधन में सोर्स सेग्रीगेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसमें शहरवासियों की भागीदारी जरूरी है। मौजूदा समय में प्लास्टिक कचरा काफी बढ़ा है, जिसका प्रबंधन काफी चुनौती है। इसको ध्यान में रखते हुए इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया है।


सिंगल यूज प्लास्टिक की बताई पहचान
कार्यक्रम प्रबंधक सिद्धार्थ सिंह ने प्लास्टिक के विभिन्न प्रकारों, नगर में प्लास्टिक के प्रबंधन में जुड़े स्वास्थ्य विभाग के सफाई नायक, सफाई निरीक्षक और संबंधित अधिकारियों की प्रमुख भूमिका के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी से 120 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक केरी बैग को भी प्रतिबंधित किया गया है। वर्कशॉप में सिंगल यूज प्लास्टिक आयटम की पहचान करना, उनके सेग्रीगेशन और प्रभावी रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लागू करने की टिप्स दी। जेडएसओ, एसएफआई, सफाई नायक , सफाईकर्मी आदि को ट्रेनिंग दी गई। अपर नगरायुक्त सुरेंद्र यादव, पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण, स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडेय, सीएसई एमएसडब्ल्यू प्रोगाम अतिन बिस्वास, प्रोग्राम मैनेजर सिद्धार्थ सिंह, डिप्टी प्रोग्राम मैनेजर आशीष कुमार चौहान, प्रोग्राफ ऑफिसर कुलदीप आदि मौजूद रहे।