आगरा(ब्यूरो)। कुछ इसी तरह की राय शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से कराए गए सर्वे में सामने आई। सर्वे में 479 लोगों ने पार्टिसिपेट किया। जिसमें ग्राउंड वाटर की स्थिति के साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त करने के साथ सर्वे में पार्टिसिपेट किया।

उदसीनता करनी होगी दूर
शहर में ग्राउंड वॉटर की स्थिति दयनीय है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बारिश के पानी का संचयन न हो पाना है। जिम्मेदार विभागों की ओर से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों को अवेयर करने के लिए तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन विभागों के ढुलमुल रवैये और लोगों की उदासीनता के चलते ये धरे रह जाते हैं। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते नजर आते हैं। लघु सिंचाई विभाग की मानें तो जिले में 3837 भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग हो रखी है। हालांकि ये सभी सरकारी भवन हैं। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार शहर में ही 3.53 लाख भवन हैं। ऐसे में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग वाले भवनों की संख्या ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। विभागीय अधिकारी भी कहते हैं शहर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर अभी बड़े स्तर पर प्रयास की जरूरत है। शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग वाले भवनों की संख्या 2 परसेंट से भी कम है।


1. बारिश का पानी बचाने के लिए क्या शहर के लोग अवेयर हैं?
- हां 19 परसेंट
- नहीं 81 परसेंट

2. अब नए घरों का निर्माण करने के दौरान क्या लोग रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराते हैं?
- हां 20 परसेंट
- नहीं 80 परसेंट

3. बारिश का पानी बचाने के लिए क्या सरकारी विभागों की ओर से प्रयास किए जाते हैं?
- हां 48 परसेंट
- नहीं 52 परसेंट

4. गिरते ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
- बिना अनुमति के बोरिंग नहीं होनी चाहिए 10 परसेंट
- सड़कों के किनारे बारिश के पानी के लिए पिट्स बनाने चाहिए 10 परसेंट
- घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की प्रॉपर मॉनिटरिंग होनी चाहिए 12 परसेंट
- अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए 18 परसेंट
- यमुना की डीसिल्टिंग होनी चाहिए 22 परसेंट
- सभी कारगर हैं 28 परसेंट

यमुना की तलहटी में पॉलिथिन और गंदगी जमी हुई है। इसके लिए नदी की डीसिल्टिंग जरूरी है। जिससे नदी का पानी जमीन में जा सके। शहर के ग्राउंड वॉटर में इजाफा हो सके।
डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, पर्यावरणविद्

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर आमजन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। बारिश का जल बचाने के लिए सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी समझनी होगी। घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना होगा, जिससे बारिश का पानी जमीन में जा सके। ग्राउंड वॉटर लेवल में सुधार हो सके।
शिवम द्विवेदी, एक्सईएन व नोडल, भूजल विभाग

शहर में यमुना नदी के होने के बाद भी ग्राउंड वॉटर लेवल में गिरावट चिंताजनक है। अगर नदी और तालाबों का अच्छे से संरक्षण किया जाए, तो इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसके साथ ही आमजन को भी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराना चाहिए।
ब्रज खंडेलवाल, पर्यावरणविद्

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी राय

- मेरे यहां बोरिंग 250 फीट क्रॉस कर चुकी है। जमीन से खारा पानी निकलता है। इससे अगर कपड़े धोते हैं, तो उनको भी नुकसान पहुंचता है। जमीन में खत्म होते पानी को लेकर हमें अवेयर होना होगा।
रमेश सिंह

सहेजें बारिश का पानी नहीं तो बेनूर होगी जिंदगानी , नहीं तो होगी परेशानी


- जिस तरह अन्य विषयों को लेकर अभियान चलता है, उसी तरह बारिश का पानी बचाने को भी प्रयास करने होंगे। इसके लिए सरकार को एक अभियान छेड़ देना चाहिए, जिससे घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण हो सके।
आकाश कुलश्रेष्ठ

- बारिश का पानी बचाने के लिए आमजन को पहल करनी होगी। तभी ये सार्थक होगा। सिर्फ सरकार की ओर से उठाए गए कदमों ये प्रयास सफल नहीं होगा।
राजेश शर्मा