बेचती है पूजा सामग्री
बटेश्वर की 18 वर्षीय मोहिनी पुत्री मोहन गोस्वामी यमुना नदी के घाट पर पूजा सामग्री बिक्री करती है। वह अपनी मां अनीता के साथ ननिहाल में ही रहती है। पिता की 10 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। मंगलवार शाम करीब चार बजे मोहिनी श्रद्धालुओं को पूजा सामग्री दे रही थी। अचानक घाट पर लोगों का शोर होते देख उसने दौड़ लगा दी। मोहिनी ने बताया कि नदी में चार लोग डूब रहे थे। उनके सिर ही दिखाई दे रहे थे। उसने बिना कुछ सोचे-समझे नदी में छलांग लगा दी। डूब रहे युवक काफी दूर थे, इसलिए मोहिनी ने रस्सी का सहारा लिया। करीब पांच मिनट बाद एक युवक को खींचकर बाहर निकाला। इसके बाद एक-एक कर सभी को बाहर निकाल लिया गया। चारों युवक फिरोजाबाद के हैं। वह गणेश मूर्ति के विसर्जन के लिए परिजन के साथ यहां आए थे। नदी में नहाते समय हादसा हुआ। इनमें 19 वर्षीय आकाश, 17 वर्षीय हिमालय व दो अन्य हैं। नदी से बाहर आने के कुछ देर बाद ही चारों युवक चुपचार निकल गए। इधर, एक साथ चार लोगों को बचाने पर लोग उसके साहस की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। उनका कहना है कि मोहिनी ने जान की परवाह किए बगैर तेज बहाव के बीच नदी में छलांग लगाकर बहादुरी दिखाई और चारों का जीवन बचा लिया.मोहिनी ने किसी से तैराकी का प्रशिक्षण नहीं लिया। वह यमुना किनारे खड़े होकर लोगों को हाथ-पैर मारते पानी में देखती थी। इसी से वह सीख गई।
हाईस्कूल की छात्रा है मोहिनी
पांच वर्ष की उम्र से ही मोहिनी नदी के घाट पर पूजा सामग्री बिक्री कर रही है। पिता मोहन गोस्वामी गांधीनगर, मथुरा के थे। 10 वर्ष पूर्व उनके देहांत के बाद से मोहिनी अपनी मां के साथ ननिहाल बटेश्वर में रह रही है। वह राजकीय कन्या विद्यालय में हाईस्कूल की छात्रा है। प्रत्येक सोमवार को ही घाट पर दुकान सजाती है। उसने बताया कि गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए बटेश्वर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसलिए उसने मंगलवार को भी दुकान सजाई थी।