आगरा(ब्यूरो)। डिप्टी पुलिस कमिश्नर वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि सोमवार को काजिम खान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से आगरा आए थे। वह आगरा के अभयपुरा गांव के रहने वाले हैं। काजिम का छत्तीसगढ़ में कपड़ों की फेरी लगाने का काम करते हैं। ऐसे में वह जहां जाते हैं वहीं रहते हैं। काजिम ने बताया है कि वो घर पर खाना खा कर आराम कर रहा था। उसी दौरान उनके रिश्ते के जीजा इकरार भी घर आ गए थे। दोनों बात कर रहे थे कि वर्दी में कुछ लोग आए और उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद घर की तलाशी लेना शुरू कर दिया।

घर में नहीं मिला था कुछ
जब वर्दी में आए लोगों को घर में कुछ न मिलने पर वो लोग उन दोनों को पकड़ कर आगरा फोर्ट चौकी लाए। इसके बाद उन्हें थर्ड डिग्री दी गई तो काजिम ने उन्हें मारना बंद कर छोडऩे के बदले चार लाख रुपए मांगे। इसके बाद वो लोग उन्हें राजा की मंडी स्टेशन की चौकी पर ले गए और बंद कर चले गए।

परिजनों को व्हाट्सएप कॉल
काजिम ने बताया कि आरोपियों ने सुबह उसके मोबाइल से घर पर वाट्सएप कॉल कराई। घर वालों से उन्होंने चार लाख रुपए मांगे। वहीं पुलिस में शिकायत करने पर जेल भेजने की धमकी दी। उन्होंने घर पर कई बार कॉल किया तो घर वाले डर की वजह से दो लाख रुपए देने को राजी हो गए।

पुलिस ने छह घंटे आरोपियों को ढूंढ निकाला
डीसीपी वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मंगलवार दोपहर 1 बजे परिजनों ने अपहरण की जानकारी पुलिस को दी। तत्काल एसीपी राजीव सिरोही के निर्देशन में वेस्ट की सारी टीमें लगाई गईं। अपराधी लगातार लोकेशन चेंज कर रहे थे। अंत में पुलिस ने परिजनों को कुछ रुपए दिए और उन्हें देकर बाकी पैसा देने की मोहलत मांगने को कहा। इस दौरान सादा वर्दी में पुलिस टीम ने आरोपियों की कार चिन्हित कर ली और जैसे ही परिजनों से आरोपियों ने पैसे लिए तो पुलिस ने उन्हें तत्काल रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों से पूछताछ की पता चली पूरी घटना
डीसीपी वेस्ट ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों पारुल, नीरज और भूरा पता चले। उन्होंने बताया कि वह आगरा कैंट स्टेशन पर आरपीएफ में तैनात हैं। भूरा उनका प्राइवेट ड्राइवर है। घटना के समय भूरा ही गाड़ी चला रहा था। पूरे कांड में आरपीएफ के दरोगा सौरभ चौधरी भी शामिल हैं।

कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इससे साफ होता है कि इन्होंने वूसली के लिए घटना को अंजाम दिया है। सरकारी कर्मियों द्वारा यह घटना करना गलत है। परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।


आगरा में एक अपहरण की घटना में आरपीएफ में कैंट में कार्यरत एक सब इंस्पेक्टर और दो अन्य के संलिप्त होने का मामला गया है। इसमें सिविल पुलिस कार्रवाई कर रही है। यह उन्हीं के क्षेत्र में आती है। जांच को निष्पक्ष बनाए रखते हुए इन तीनों रेल सुरक्षा बल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.इंस्पेक्टर आरपीएफ आगरा कैंट को सुपर विजन की कमी के दृष्टिगत निलंबित कर दिया गया है।

हिमांशु़ शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, एनसीआर