आगरा। रूई की मंडी रेलवे क्रोसिंग पर पिछले 10 वर्र्षांे से आरओबी बनाने की मांग की जा रही थी। इसके बनने से 4.25 लाख लोगों को जाम से छुटकारा मिल सकेगा। लेकिन अभी इसको मूर्त रूप लेने में तीन वर्ष ये ज्यादा का समय लग जाएगा। पूर्व राज्यमंत्री डॉ। जीएस धर्मेश के अनुसार 4 सितंबर 2019 को रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी बनाने की स्वीकृति मिल गई थी। रेलवे विभाग की जमीन आजीवन लीज पर देने पर 14.50 लाख की धनराशि भी राज्य सरकार द्वारा ही वहन की जानी है।
हो चुकी है सॉइल टेस्टिंग
उ.प्र। राज्य सेतु निगम द्वारा स्थल पर सर्वे व मृदा परीक्षण किया जा चुका है। 19 सितंबर 2019 को सेतु निगम और रेलवे के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर कॉमन पीयर लोकेशन क्लीयर कर ली गई थी। आरओबी निर्माण के लिए रेलवे व राज्य सेतु निगम की कंबाइड जीएडी गठन की कार्रवाई की जानी थी। जो मौजूदा समय तक नहीं की जा सकी है।
यहां से बनेगा आरओबी
रूई की मंडी रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी सदर तहसील से ईदगाह रेलवे स्टेशन के निकट ईदगाह बयाना रेल सेक्शन के ऊपर होते हुए अर्जुन नगर की तरफ से बने एलिवेटेड रेल सेक्शन नई दिल्ली आगरा कैंट के पास से आरओबी बनाया जाना प्रस्तावित है। बता दें कि इसके लिए सरिया आदि मेटेरियल आ चुका था।
40 वर्षों से झेल रहे परेशानी
पिछले 40-45 वर्षों से चार लाख 25 हजार लोग जाम की परेशानी झेल रहे थे। ये भयंकर जाम की स्थिति तब और ज्यादा भयंकर हो जाती थी। जब आगरा फोर्ट, ईदगाह से बयाना की तरफ जाने वाली ट्रेनों के समय फाटक बन्द कर दिया जाता है। रेल फाटक खुलने के बाद यातायात सामान्य होने में काफी समय लग जाता है।
यहां के लोगों को होती थी ज्यादा परेशानी
- बारह खम्बा
- रूई की मंडी
- अर्जुन नगर
- अजीत नगर
- ख्वासपुरा
- नरीपुरा
- धनौली
- मलपुरा
- जगनेर रोड
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24 घंटे में गुजरती है 75 ट्रेनें
रूई की मंडी रेलवे क्रॉसिंग से 24 घंटे में तकरीबन 75 ट्रेन गुजरती हैं। इसके चलते इस गेट को 24 घंटे में 75 बार इस गेट को बंद किया जाता है। कहने को ये स्पेशल स्तर की रेलवे क्रॉसिंग हैं। इस रेलवे क्रॉसिंग से रोजाना चार लाख 25 हजार से ज्यादा लोगों का आवागमन रहता है। अगर इसको बंद किया जाए, तो लोगों को एमजी रोड से घूमते हुए तकरीबन 6 से 8 किमी। तक का फेर लगाते हुए गुजरना पड़ेगा। इस रेलवे क्रॉसिंग पर दो ट्रैक हैं। एक भरतपुर से जयपुर और दूसरा ट्रैक कोटा के लिए गुजरता है।
रूई की मंडी रेलवे क्रॉसिंग एक नजर में
-जनवरी 2018 में प्रस्ताव तैयार हुआ।
- आठ जून 2018 को रेलवे ने एनओसी जारी की।
- प्रस्ताव को लखनऊ मुख्यालय भेजा गया।
- मुख्यालय ने पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के संयुक्त सर्वे के निर्देश दिए।
- संयुक्त सर्वे की पुन: एस्टीमेट तैयार किया गया।
- 4 सितंबर 2019 को राज्य सरकार से आरओबी बनाने को स्वीकृति मिली।
- 19 सितंबर 2019 को रेलवे और उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने संयुक्त सर्वे किया।
- गेट नं 77 स्पेशल रेलवे गेट
- दो ट्रैक हैं एक भरतपुर-जयपुर
दूसरा ट्रैक आगरा-कोटा
- एक दिन में 75 ट्रेन मालगाड़ी और एक्सप्रेस, पैसेंजर्स गेट से गुजरती हैं।
- गेट से 4,25168 लोगों का होता है एक दिन में आवागमन
- 10 से 12 मिनट तक करना पड़ता है इंतजार
ईदगाह-रूई की मंडी आरओबी निर्माण के लिए संशोधित कर प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
विक्रम सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, उ.प्र। राज्य सेतु निगम