आगरा(ब्यूरो) । घटना शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे की है। रावली पुल पर राहगीरों ने दो लावारिस सूटकेस पड़े देखे। राहगीरों ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में रकाबगंज और नाई की मंडी थाने की पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने सतर्कता के चलते वाहनों का आवागमन रोक दिया। बम निरोधक दस्ते को बुला लिया। टीम ने सूटकेसों को खोला तो उसमें कपड़े आदि रखे थे।

एमजी रोड पर मालिक तलाश रहा था सूटकेस
इसी दौरान सूटकेसों को तलाशते हुए दो लोग वहां पहुंचे। ये श्रीकृष्ण निवासी बलिया और जय नारायण निवासी वाराणसी थे। दोनों ने पुलिस को बताया कि वह घूमने निकले थे। सूटकेस कार के कैरियर में बंधे थे। कई किलोमीटर जाने के बाद उन्हें सूटकेस गिर जाने का पता चला। तब वापस लौट कर सूटकेस तलाश रहे हंै। इस पर पुलिस ने उन्होंने सूटकेस के भीतर रखे सामान की जानकारी मांगी।


टेंशन के वो 45 मिनट
वाहन चालकों के चेहरेे पर रही टेंशन
एमजी रोड से गुजर रहे ट्रैफिक को जब रोका गया तो हर कोई वाहनों की लाइन में लगा ये जानने के लिए उत्सुक था कि आखिर ट्रैफिक को क्यों रोका गया है, इस पर सूटकेस में बम होने की आशंका पर उनके चेहरे की हवाईयां उड़ गईं, वहीं अधिकतर वाहन चालक अपने वाहनों को वहां से दूर ले जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन वाहनों की लाइन इतनी लंबी थी कि वे चाहकर भी ऐसा नहीं कर सके।

बच्चों को कार से उतारा, भेजा दूर
कलेक्ट्रेट तिराहे पर खड़ी एक कार में माता-पिता के साथ उनके दो बच्चे भी सवार थे, जो स्कूल ड्रैस में थे, जाम में कार फंसने और बम विस्फोट की दहशत के कारण माता-पिता ने दोनों बच्चों से जहां सूटकेस थे। वहां से पीछे जाने के लिए कहा। इस पर बच्चों की मां उनके साथ चली गई, लेकिन पिता कार में ही बैठे पुलिस कार्रवाई को देखते रहे।


एमजी रोड पर सूटकेस गिरने की सूचना मिली थी। बम की आशंका पर सतर्कता बरती गई। ट्रैफिक को रोका गया, स्थिति सामान्य होने के बाद ही ट्रैफिक को सुचारु किया गया। सूटकेसों को उनके स्वामियों को सौंप दिया गया है।
अर्चना ङ्क्षसह, सदर सर्कल एसीपी