आगरा(ब्यूरो)। स्ट्रीट डॉग्स के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में हर रोज 500 से 600 लोगों को कुत्ता काटने पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जाती है। इसके अलावा प्राइवेट क्लीनिकों पर भी एआरवी लगाई जाती है। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अनीता शर्मा ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 500 से अधिक लोगों को एआरवी लगाई जाती है।

सीन-1
बिजलीघर निवासी भावना पाराशर के घर के बाहर हमेशा स्ट्रीट डॉग का जमघट लगा रहता है। उन्होंने बताया कि उन्हें डर रहता है कि घर में छोटे बच्चे हैैं और यह कभी भी मौका पाकर घर के अंदर आ जाते हैैं। ऐसे में वह उनके बच्चों को नुकसान न पहुंचा दें।

सीन-2
पीपी नगर निवासी ओम शर्मा की कॉलोनी में स्ट्रीट डॉग्स का आतंक है। यहां पर कुत्ते झुंड में घूमते हैैं। आने जाने वाले लोगों को परेशान करते हैैं। उन्होंने बताया कि कई बार तो यह कुत्ते कॉलोनी को लोगों को काट भी चुके हैैं। बच्चों को इन स्ट्रीट डॉग्स से काफी खतरा है।

सोशल मीडिया पर दर्द कर रहे बयां
स्ट्रीट डॉग्स और बंदरों से परेशान लोग सोशल मीडिया पर भी अपनी परेशानी को शेयर कर रहे हैैं। दयालबाग क्षेत्र के एक यूजर ने लिखा कि उनकी कॉलोनी में शुरूआत में दो ही डॉग थे लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती चली गई। अब उनके क्षेत्र में 15 से 20 स्ट्रीट डॉग्स हैैं। वह मौका पाकर घर में भी घुस जाते हैैं। इसके साथ ही वह गंदगी भी कर देते हैैं। साथ में कॉलोनी में कई लोगों को काट भी चुके हैैं।

बीते दिनों हो चुकी है एक बच्ची की मौत
बीते दिनों फतेहाबाद के डौकी क्षेत्र में घर के बाहर खेल रही दो बहनों पर स्ट्रीट डॉग्स ने हमला कर दिया था। इससे एक बच्ची की मौत हो गई थी। पशु चिकित्सकों की मानें तो गर्मी की वजह से आवारा कुत्ते और बंदर आक्रामक हो रहे हैं। ठीक समय पर खाना नहीं मिल पाता है .इस वजह से वह हमलावर हो रहे हैं .इससे पहले भी कुत्तों और बंदरों ने शहर में कई मासूमों की जान ले चुके हैं। पशु चिकित्सकों की सलाह है कि स्ट्रीट डॉग्स से जितनी दूरी हो सके बना कर रखे।

बीते साल भी हुई थी एक बच्ची की मौत
बीते साल दहतोरा निवासी 10 साल की गुंजन पर 12 स्ट्रीट डॉग्स ने हमला किया था। उसके शरीर पर 26 घाव थे। उसके शरीर पर 40 टांके आए थे। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं दिसंबर 2022 में बाह क्षेत्र में आठ साल के बच्चे को डॉग बाइट से रैबीज फैल गया था। बच्चा अजीब हरकत करने लगा था। परिजनों ने अस्पताल में दिखाया तो पता चला कि रैबीज फैल गया है। बाद में बच्चे की मौत हो गई थी।


घर के बाहर कई स्ट्रीट डॉग्स रहते हैैं। वह घर में भी घुस आते हैैं। घर में छोटे बच्चे हैैं। डर लगा रहता है कि कहीं काट न लें।
- भावना, निवासी बिजलीघर

कॉलोनी में स्ट्रीट डॉग्स हो गए हैैं। एक साथ झुंड में डॉग्स आने-जाने वाले राहगीरों को घेर लेते हैैं कई बार तो डॉग बाइट भी कर चुके हैं।
- ओम शर्मा, निवासी पीपी नगर

स्ट्रीट डॉग्स का आतंक शहर में कई जगह पर है। हमारी कॉलोनी में भी घूमते हैैं। यह बच्चों को भी परेशान करते हैैं।
- जीशान, निवासी लोहामंडी