दंपति के बीच विवाद का शिकार हो रहे बच्चे
लगातार बढ़ती घरेलू कलह न केवल रिश्तों में दरार डाल रही है, बल्कि अविश्वास की भावना को भी बढ़ावा दे रही है। कहीं पत्नी-पति द्वारा की जा रही घरेलू हिंसा का शिकार हो रहे हैं। तो कहीं पति को ही पत्नी से खतरा बना हुआ है। बदलते हालातों का शिकार उन बच्चों को भी होना पड़ रहा है, परिवार परामर्श केन्द्र में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें पेरेंट्स अपने बच्चों को रखने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसे में बच्चे दंपति के बीच विवाद का शिकार हो रहे हैं।


महिलाओं पर लगे परिवार तोडऩे का आरोप
घरेलू कलह के ये मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, जो गंभीर विषय है, बल्कि दरक रहे सामाजिक ताने-बाने की ओर भी इशारा कर रहे हैं। शहर में ही पिछले करीब एक माह के दौरान ऐसे कईं मामले सामने आए हैं, जो पुलिस तक पहुंचे और इन्हें देख हर कोई हैरान रह गया। अधिकतर समय महिलाएं ही घरेलू हिंसा की शिकार होती रही है, लेकिन बदलते हालात में कईं ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं और उनके परिजनों पर ही परिवार को तोडऩे के आरोप लग रहे हैं।


केस- 1
थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में रहने वाले दंपति काउंसलिंग के बाद साथ रहने को तैयार नहीं हैं, जिस पर दोनों ने सहमति भी व्यक्त की है। लेकिन अब दोनों के बीच बच्चों को लेकर विवाद बना है, पत्नी का कहना है कि वो बच्चो को नहीं रख सकती, वहीं पति भी इंकार कर रहा है, ऐसे में दंपति के बीच बच्चे आपसी झगड़े का शिकार हो रहे हैं।

केस-2
सदर के सेवला में काउंसलिंग के लिए मामला विचाराधीन है, ऐसे में पत्नी का आरोप है कि उसके पति के किसी अन्य महिला से संबंध हैं, जिसके चलते वो घर खर्च के लिए पैसा नहीं देता है, पीडि़ता का कहना है कि समय पर रुपए नहीं मिलने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में महिला ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। वहां से मामला पुलिस लाइन में काउंसलिंग के लिए भेजा गया है।


एक-दूसरे की भावना समझनी होगी: इतुल चौधरी
इस बारे में परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी इतुल चौधरी का कहना है कि दंपति को एक-दूसरे की भावना समझनी होगी। हर छोटी गलती को प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए। एक दूसरे को समझते हुए हमें आगे बढऩा चाहिए। विवाद होने पर भी सकारात्मक सोच रखनी होगी, तभी रिश्तों के बीच होने वाली दूरी को कम किया जा सकता है।

परिवार परामर्श केन्द्र की स्थिति
-काउंसलिंग को बुलाए गए जोड़ों की संख्या
90
-केन्द्र में काउंसलिंग के लिए उपस्थित दोनों पक्ष
30
-काउंसलिंग के बाद कराए गए समझौते की संख्या
10
-समझौता नहीं होने पर एफाआईआर के जारी आदेश
09
-काउंसलिंग नहीं होने पर मिली आगे की डेट
29