आगरा(ब्यूरो)। दोनों बहनें जगनेर की रहने वाली हैं। उनके नाम पर परिजनों ने एकता और शिखा बताए हैं। 15 साल पहले दोनों ने ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत 4 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें इन चारों पर अनैतिक गतिविधि करने और रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मौके से बरामद सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों को पकडऩे के लिए दबिश दी है, जिसमें तीन आरोपियों को अरेस्ट किया गया है।
पुलिस ने तीन आरोपियों को किया अरेस्ट
पुलिस ने इनमें से 3 आरोपियों गुड्डन, ताराचंद और पूनम को गिरफ्तार कर लिया है। सुसाइड नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कई बहनों ने पहले भी सुसाइड की है, लेकिन ऐसे मामलों को छिपा लिया जाता है। जिस आश्रम में घटना हुई वह आगरा के थाना जगनेर में स्थित है। दोनों बहनों का घर आश्रम से करीब 13 किमी दूरी पर है। जिस वक्त वारदात हुई, उस समय आश्रम में दोनों बहनों के अलावा एक महिला और थी, वह दूसरे कमरे में थी।
फोरेंसिक टीम ने जब्त किया मोबाइल
खेरागढ़ एसीपी महेश कुमार ने बताया कि पुलिस को रात बारह बजे सूचना मिली कि ब्रह्माकुमारी में दो बहनों ने सुसाइड कर लिया। मौके पर फोरेंसिक जांच की गई। कमरे से सुसाइड नोट और फोन मिला है। उसे कब्जे में लिया है। उसमें कई जानकारी हासिल हुई हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
फरार आरोपियों के लिए टीम गठित
सुसाइड में नीरज अग्रवाल, गुड्डन, पूनम और ताराचंद को जिम्मेदार ठहराया हैं। गुड्डन दोनों का मौसा है, जबकि नीरज रिश्तेदार है। पूनम ब्रह्माकुमारी आश्रम ग्वालियर से जुड़ी हुई है। आरोप है कि नीरज और पूनम ने आश्रम बनवाने के लिए इनसे 25 लाख रुपए ले लिए थे। पुलिस ने गुड्डन और ताराचंद को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी हैं।
सुसाइड से पहले किया माता-पिता को फोन
दोनों बहनों की सुसाइड की सूचना पर मौके पर इनका भाई सोनू पहुंचा। सोनू ने बताया कि मेरी बड़ी बहन एकता और छोटी बहन शिखा ने 16 साल पहले ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। तब से दोनों परिवार से अलग रह रही थीं। पांच साल पहले उन्होंने जगनेर बसई रोड पर आश्रम बनवाना शुरू किया था। एक साल पहले आश्रम बनकर तैयार हो गया। तब से दोनों बहनें वहीं रह रही थीं।
वाट्सएप पर भेजा सुसाइड नोट
सोनू ने बताया कि शुक्रवार को आश्रम में 7 बजे तक सत्संग चला। जहां महिलाएं आई थीं। इसके बाद एकता और शिखा ने रात करीब साढ़े आठ बजे घर फोन लगाया। मम्मी-पापा से करीब 30-35 मिनट तक बात की थीं। उसने बताया कि रात करीब 11 बजे बहनों का मेरे वाट्सएप पर सुसाइड नोट आया। उस समय में सुसाइड नोट देख नहीं पाया। इसके कुछ ही देर बाद ब्रह्माकुमारी की अन्य महिलाओं के फोन आए। उन्होंने कहा कि आपकी बहन ने मैसेज पर कुछ सेंड किया है। आश्रम पहुंचा तो पता चला कि दोनों ने सुसाइड किया है। उनके शव लटके हुए थे।
आसाराम बापू की तरह सजा दी जाए
भाई सोनू ने बताया कि मेरी बहनों ने सुसाइड नोट में लिखा है कि जिम्मेदारों को आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास की सजा दी जाए। दोनों बहनें एक साल से परेशान थीं। मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
शिखा ने लिखा यह नोट
कई बहनें करती हैं सुसाइड, प्लीज हमें गलत न समझा जाए
मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉर्डन कंपनी में नौकरी करता है। इसने हमें भरोसा दिलाया कि जगनेर में सेंटर बनने के बाद मैं आपके साथ रहूंगा। लेकिन, एक साल हम दोनों बहनें इसके सामने रोते रहे पर इसने एक न सुनी। इसका साथ ग्वालियर मोती झील सेंटर वाली पूनम, इसका बाप तारचंद और इसकी बहन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है, वो भी साथ थे। नीरज हमारे साथ 15 साल से रह रहा था। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। इस सेंटर को बनवाने में यज्ञ का कोई पैसा नहीं है। सारा पैसा हमारा लगा है। नीरज गलत अफवाह फैलता था कि सेंटर उसने बनवाया है। हमने इस पर भरोसा किया था, हमें धोखा मिला। इसके पास हमारे 25 लाख रुपए हैं। सेंटर के आश्रम के शुभारंभ के लिए इसके पास जमा करवा दिए थे। ये गरीब माताओं का पैसा था। सात लाख रुपए का मेरे पापा ने प्लॉट दिलवाया था हमने उसे बेचकर पैसे दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब माताओं का पैसा था। अब इसने पैसा देने से मना कर दिया। ये लोगों से झूठ बोलता है कि सेंटर इसने बनवाया है। सेंटर में इसका तन से सहयोग है। इसने हमारे रुपए से फ्लैट खरीद लिया है। मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लडऩा। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो। चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए, आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। आसाराम बापू की तरह इन्हें भी हमेशा जेल में रखा जाए। आश्रम में कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, लेकिन ये लोग सब छुपा देते हैं। हमारे साथ कोई नहीं है। हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए ये कदम उठाना पड़ रहा है। सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत न समझा जाए.
एकता द्वारा लिखा गया.
एकता ने लिखा-इस सेंटर को गरीबों की पढ़ाई के लिए दिया जाए
मैं आज सभी माता और भाइयों से जो भी मुझसे परिचित हैं, उसने माफी मांगती हूं। मैंने जो भी कदम उठाया है, वो मजबूरी में किया है। मेरी मौत के जिम्मेदार नीरज, ताराचंद, पूनम ग्वालियर और गुड्डन हैं। गुड्डन मेरा मौसा लगता है। दुनिया वालों मैं बहुत मजबूर हूं। मुझे और मेरी दीदी को बदनाम मत करना। मैं एक साल से बहुत टेंशन में थी। अब हम लोगों से जिया नहीं जा रहा। नीरज ने जगनेर सेंटर पर रहने के लिए बोला था, तब जाकर हमने ये सेंटर बनवाया। मेरी यज्ञ वाले जगदीश भाई से रिक्वेस्ट है कि आप इसको पनाह मत देना। ये हम जैसी बहनों के साथ खिलवाड़ करता रहेगा। भाई जी, प्लीज इसको यज्ञ के अंदर मत आने देना। बहनों से वायदे करता है और फिर झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है। इस सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दिया जाए। हमारे सुसाइड नोट को यज्ञ की मुन्नी दीदी और मृत्युंजय भाई के सामने रखा जाए। ये लेटर मैं जीवन के अंतिम पलों में लिख रही हूं.
रात बारह बजे सूचना मिली कि ब्रह्माकुमारी में दो बहनों ने सुसाइड कर लिया। मौके पर फोरेंसिक जांच कराई गई है। कमरे से सुसाइड नोट और फोन मिला है। उसे कब्जे में लिया है। नोट में चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। तीन को अरेस्ट कर लिया गया है, एक की तलाश की जा रही है।
महेश कुमार, खेरागढ़ एसीपी