आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में टेलीकावॉल्ट मशीन से रेडियोथैरेपी की जाती है, यह पुरानी मशीन है। अब एम्स, दिल्ली सहित बड़े चिकित्सकीय संस्थानों में लीनियर एक्सेलरेटर और सीटी सिम्युलेटर से रेडियोथैरेपी की जाती है। इससे शरीर के किसी भी अंग के छोटे से छोटे कैंसर की साइड इफेक्ट के बिना रेडियोथैरेपी की जा सकती है। प्राचार्य डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि 13 करोड़ से 750 वर्ग मीटर में लायनेक ब्लॉक बनाया जाएगा, निर्माण कार्य तीन महीने में पूरा हो जाएगा। एक मंजिला बिङ्क्षल्डग में मशीन के लिए बंकर बनाए जाएंगे। हर रोज 40 से 45 मरीजों की रेडियोथैरेपी हो सकेगी। विभागाध्यक्ष डॉ। एके आर्य, ब्लॉक के प्रभारी डॉ। अनुज त्यागी, कार्यदायी संस्था के चीफ इंजीनियर पंकज कपिल, तरुण कुमार आदि मौजूद रहे।
ये मिलेगी सुविधा
इमेज गाइडेड रेडियोथैरेपी
स्टेरियोस्टेटिक रेडियोथैरेपी
ट्रिपल एफ
इंटीग्रेटेड कैंपस के तहत पहला प्रोजेक्ट
एसएन मेडिकल कॉलेज में लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय को शामिल कर लिया है, इन दोनों परिसर को मिलाकर 45 एकड़ में इंटीग्रेटेड कैंपस बनाया जाना है। इंटीग्रेटेड कैंपस के तहत लाइयनेक ब्लाक पहला प्रोजेक्ट है।
एम्स की तरह यहां अत्याधुनिक लीनियर एक्सेलरेटर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए एटोमिक रेग्युलेटरी बोर्ड की भी अनुमति मिल गई है। छह महीने में मरीजों को सुविधा मिल जाएगी।
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