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AGRA : अच्छा चलता हूं, अपना ख्याल रखनाये अंतिम शब्द अपने परिजनों से बोलकर गए थे अागरा कहरई के जवान कौशल कुमार रावत। इन शब्दों को याद कर परिजन सन्न हैं। परिजनों का कहना है कि कौशल कुमार रावत ने इससे पहले कभी जाते हुए इस तरह से नहीं बोला। जवान को शायद आने वाले समय का पूर्वाभास था।
दो बार बोला ख्याल रखने को
बेटे विकास ने बताया कि 12 फरवरी को जब कौशल कुमार रावत अपने गुरुग्राम स्थित घर से निकले तो पत्नी ममता रावत से बोले कि बच्चो ́ का ख्याल रखना। पत्नी ने सोचा कि ऐसा क्यों बोल रहे हैं। बेटा विकास उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ने गया, तब जवान कौशल कुमार रावत के शहीद होने पर विलाप करते परिजन। भी पिता ने बेटे से बोला कि अपना ख्याल रखना। बेटे के मुताबिक पिता के चेहरे पर उस दौरान अलग ही भाव था। ऐसा कभी भी पिता को नही ́ देखा था।
मोबाइल पर सुने अंतिम शब्द
13 फरवरी को रात 9 से 10 बजे के बीच सिपाही ने गुरुग्राम स्थित अपने घर व अपने भाई कमल रावत से मोबाइल पर बात की थी। भाई कमल के मुताबिक कौशल कुमार रावत ने बताया कि जम्मू पहुंच गया हूं, अपने दोस्त के मोबाइल से बात कर रहा हूं, आगे रास्ता बंद है, यहां पर मेरा नम्बर काम नहीं कर रहा है, पहुंच कर नई सिम लेकर बात करुंगा। तबियत हो गई थी खराब पति की मौत पर रुआंसी हुई पत्नी बार-बार बोल रही थी कि इस बार उनकी तबियत खराब थी। वह पोस्टिंग पर नहीं जाना चाहते थे, पर हैड क्वार्टर से फोन आ गया। उनको जाना पड़ा। दो दिन पहले उनके पैर कांप रहे थे। काश अगर वे उस दिन पोस्टिंग के लिए नहीं जाते, तो आज हमारे बीच में होते।
सपने में भी नहीं सोचा था
सीआरपीएफ कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता का कहना था कि कभी सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था कि ये दिन भी देखना पड़ेगा। सिपाही की नौकरी को तीन-चार साल ही बचे थे। हर बार घर पर आने पर वे बहुत ही उत्साह से भरे होते थे। इस बार वह कुछ अलग थे। पता नहीं उनके दिमाग में ऐसा क्या चल रहा था, जो हमें समझ में नहीं आया।
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