आगरा(ब्यूरो) । शहर से यमुना एक्सप्रेस-वे से रोज सैकड़ों की संख्या में प्राइवेट बसें व अन्य वाहन गुजरते हैं। इसी तरह जयपुर के लिए भी शहर में विभिन्न ट्रैवल्स कंपनी से रोज बसें रवाना होती हैं। इन बसों में सवार होने के लिए पैसेंजर्स को शहर के विभिन्न स्पॉट तक पहुंचना होता है। इसमें भगवान टॉकीज, साईं का तकिया, नामनेर या फिर टै्रवल्स तक जाना होता है। बड़ी संख्या में प्राइवेट बस चलने के बाद भी इनके लिए कोई प्रॉपर व्यवस्थित स्पॉट नहीं है। पैसेंजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं इन प्राइवेट बसों के जमावड़े से कहीं न कहीं ट्रैफिक का इश्यू भी बनता है।
शहर में दौड़ लगाने की नहीं होगी जरूरत
इन समस्याओं से शहरवासियों को जल्द ही राहत मिलने जा रही है। प्राइवेट बस में सफर करने के लिए उन्हें शहरभर में अब दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि सरकारी बस स्टैंड की तरह ही प्राइवेट बस स्टैंड पर जाकर वह बस पकड़ सकेंगे। जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में कवायद शुरू कर दी गई है। जल्द ही भूमि चिह्नित कर इसके निर्माण की ओर कदम उठाए जाएंगे। गुरुवार को डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने कैंप कार्यालय में निजी बसों के संचालन को लेकर बैठक की। बैठक में आरटीओ ललित कुमार ने बताया कि प्राइवेट बस स्टैंड के लिए भूमि नहीं मिली थी। जिसके चलते इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया गया। डीएम ने निजी बस यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के आदेश दिए।
पैसेंजर्स को होगी सुविधा
डीएम ने कहा कि लखनऊ, नोएडा, जयपुर, ग्वालियर सहित अन्य शहरों के लिए बसों का संचालन बेहतर तरीके से हो सकता है। कुबेरपुर से सेक्टर 37 नोएडा वाया परी चौक को भी शामिल किया जाएगा। इससे यात्रियों को सहूलियत रहेगी। ऐसे में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में प्राइवेट बस स्टैंड विकसित करना जरूरी है। यात्री सुविधाएं भी होनी चाहिए। उन्होंने परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम गठित की। यह टीम बस स्टैंड की भूमि को चिह्नित करेगी। एडीएम सिटी अनूप कुमार ने बताया कि जल्द ही संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार, एआरटीओ एनसी शर्मा, आलोक अग्रवाल सहित अन्य मौजूद रहे।
प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड बनाए जाने का कदम अच्छी पहल है। लेकिन प्राइवेट बस स्टैंड का निर्माण इतना दूर भी नहीं कराया जाए, जो उनके लिए मुसीबत बन जाए। शहर के सेंटर प्वॉइंट से एक किमी के दायरे में अगर ये प्राइवेट बस स्टैंड बनाए जाते हैं तो पैसेंजर्स के लिए सुविधाजनक होंगे। अगर शहर से बाहर बनेंगे तो पैसेंजर्स फैमिली के साथ कैसे जाएगा।
अमर सिंघल, अमर ट्रैवल्स
प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड का निर्माण करना अच्छी पहल है। अभी बस पकडऩे के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। वहीं प्राइवेट बसों के लिए एक जगह तय होने से प्राइवेट बसों की एंक्वायरी भी ठीक से हो सकेगी।
किशन कुमार
शहर में कई ट्रैवल्स हैं। अगर प्राइवेट बस स्टैंड बन जाएगा तो सभी बसों के लिए एक स्पॉट तय हो जाएगा। पैसेंजर्स को भी पता होगा कि कहां से उसे बस पकडऩी है।
ब्रजेश शर्मा
प्राइवेट बस स्टैंड पर पैसेंजर्स के लिए सुविधाएं भी हों। साथ ही इसे ऐसी जगह पर बनाना चाहिए, जहां सभी पैसेंजर्स की अप्रौच आसान हो। अधिक दूर नहीं बनाना चाहिए।
उमंग
शहर से जाने वाली प्राइवेट बसों की स्थिति
50 बसें रोज दिल्ली के लिए होती हैं रवाना
50 बसें रोज जयपुर के लिए होती हैं रवाना
25 बसें रोज लखनऊ के लिए होती हैं रवाना