आगरा(ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम बुधवार दोपहर करीब दो बजे सिकंदरा चौराहे पर पहुंची। नेशनल हाईवे-19 पर स्थित ये चौराहा मथुरा से आने वाले वाहनों के लिए शहर में एंटर होने का प्रमुख स्पॉट है। यहां अन्य दिनों की तरह पुलिसकर्मी तैनात दिखे। पुलिसकर्मी हाईवे पर दोनों ओर खड़े हुए थे।

पुलिसकर्मी सिर्फ देख रहे थे

फिर भी मथुरा की ओर से आने वाले टू-व्हीलर वाहन सिकंदरा चौराहे से बोदला की ओर टर्न ले रहे थे। इस दौरान गुरुद्वारा गुरु का ताल की ओर से आ रहे वाहनों को कोई रोकने की जहमत नहीं उठा रहा था। कई बार टू-व्हीलर और भारी वाहन आमने-सामने आ गए। ये हाल तब है जबकि मंगलवार रात इसी रोड पर कंटेनर ने खूनी खेल खेला था।

कंटेनर ने इस तरह खेला था खूनी खेल
राष्ट्रीय राजमार्ग-19 सिकंदरा हाईवे पर मंगलवार शाम नशे में धुत कंटेनर चालक ने कोहराम मचा दिया था। हादसा मंगलवार शाम करीब सवा सात बजे हुआ। मथुरा की ओर से आ रहा कंटेनर मंडी समिति ओवरब्रिज से उतरते ही अनियंत्रित हो गया। कैलाश मोड़ पर एक कैब में टक्कर मारी। कैब आगे जाती कार में जा घुसी। चालक ने हादसे के बाद कंटेनर को रोका नहीं। कंटेनर को अंधाधुंध दौड़ाने लगा, बाईंपुर मोड़ पर दो बाइकों को चपेट में ले लिया। दोनों बाइकें 60 मीटर तक घिसटती चली गईं, एक बाइक में आग लग गई। इसके बाद कंटेनर ने थाने के सामने अन्य चार वाहनों को चपेट में ले लिया। कंटेनर सिकंदरा तिराहा लाल बत्ती पर खड़ी तीन कारों को चपेट में लेता हुआ आगे निकल गया। इससे हाईवे पर वाहन चालकों और राहगीरों में चीख-पुकार मच गई। गुरुद्वारा गुरु का ताल चौराहे पर पुलिस ने कंटेनर रोकने के लिए बैरियर लगाया, लेकिन कंटेनर बैरियर तोड़ता हुआ आगे निकल गया। गुरुद्वारा गुरु का ताल सर्विस रोड पर डीवीवीएनएल कार्यालय के बाद तीन कार, दो बाइक और साइकिल को चपेट में लेने के बाद कंटेनर रुका। यहां आक्रोशित भीड़ ने चालक की पिटाई कर दी।

गनीमत रही ट्रॉला के पहिए थम गए
हाईवे पर आईएसबीटी फ्लाईओवर पर बुधवार दोपहर बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा। डग्गेमार बस आईएसबीटी से खंदारी की ओर सर्विस रोड पर रॉन्ग साइड आ रही थी। यहां बीच में फ्लाईओवर के लिए कट से टर्न लिया। सामने से तेज गति में ट्रॉला आ रहा था। बस को देखकर ट्रॉला ड्राइवर ने आनन-फानन में वाहन को कंट्रोल करने के लिए ब्रेक लगाई। बावजूद इसके ट्रॉला बस से टकरा गया। हादसे के समय बस में पांच से छह लोग सवार थे। गनीमत रही कि ट्रॉला रुक गया नहीं तो भीषण हादसा हो सकता था। दोनों वाहनों के टकराने से हाईवे पर लंबा जाम लग गया। आधा घंटे तक यही स्थिति रही।

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कोहरे में खतरनाक हैं शहर की सड़कें

आगरा। नगर निगम की टीम ने दो साल पूर्व मोती कटरा रोड का निर्माण किया था। इस रोड पर न तो सफेद पट्टी है और न ही कैट आई लगी है। कोहरे के दौरान वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मदिया कटरा से तोता का ताल रोड हो या फिर लेडी लायल अस्पताल की रोड। इन रोड सहित शहर की 60 से अधिक रोड ऐसी हैं, जिसमें रोड सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं। एक महीने पहले कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने सभी सड़कों पर रोड सेफ्टी के इंतजाम पर जोर दिया था। 15 जनवरी से वह खुद सड़कों का निरीक्षण शुरू करेंगी।
नगर निगम के सौ वार्ड में पांच हजार मुहल्ले हैं। 1600 किमी सड़कों की लंबाई है। वहीं एडीए की 100 किमी और लोक निर्माण विभाग की शहरी क्षेत्र में 400 किमी लंबी सड़कें हैं।


राहगीरों को होता है खतरा
रिटायर्ड इंजीनियर बीके चौहान का कहना है कि किसी भी सड़क का निर्माण इसी शर्त पर किया जाता है कि उसमें रोड सेफ्टी के इंतजाम होंगे। अगर रोड सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं तो इससे वाहन चालकों या फिर राहगीरों को खतरा रहता है। कोहरे में हादसे की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है। कोई भी सड़क ङ्क्षसगल लेन की हो या फिर दोहरी व चौथी लेन की। सड़क के दोनों साइड सफेद पट्टी होनी चाहिए। इससे कोहरे में सड़क कहां तक है। वाहन चालकों को इसका अंदाजा मिलता रहता है। कैट आई के अलावा सड़कों के किनारे जो भी विद्युत पोल या फिर टेलीफोन के पोल हैं। उन सभी पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने चाहिए। सड़क पर जो भी कट हैं। उन पर बोर्ड लगे होने चाहिए। सेवानिवृत्त इंजीनियर एसपी त्यागी का कहना है कि प्रत्येक मोहल्ले की जानकारी देने के लिए अलग से साइनेज लगाए जाने चाहिए। अगर सफेद पट्टी मिट जाती है तो यह फिर से बननी चाहिए। जरूरत के हिसाब से डिवाइडर का भी निर्माण होना चाहिए। अगर किसी सड़क के किनारे नाला है तो नाले की दीवार पर अलग से रिफ्लेक्टिव टेप लगाया जाना चाहिए।


15 जनवरी से सड़कों के गड्ढों के साथ ही रोड सेफ्टी के इंतजाम की जांच की जाएगी। कमियां मिलने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।
रितु माहेश्वरी, कमिश्नर
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रोड सेफ्टी के यह उपाय नहीं
- अधिकांश सड़कों में सफेद पट्टी और कैट आई नहीं लगी है।
- कई सड़कों की सफेर पट्टी मिट चुकी है या फिर आधी अधूरी लगाई गई है।
- विद्युत और टेलीफोन के पोल पर रिफ्लेक्टिव लेप नहीं लगे हैं।
- नाले की दीवार पर रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगे हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर जल्द से जल्द इंटरचेंज विकसित करें, ताकि अधिकांश भारी ट्रक मथुरा और आगरा शहरों को छुए बिना गुजर सकें। इसके साथ ही उत्तरी बाईपास (रायपुरा जाट से वाईई) के काम में तेजी लाई जानी चाहिए। आने वाले महीनों में जितनी जल्दी हो सके जनता के लिए खोलने के लिए कहा जाना चाहिए। इससे सिकंदरा और रामबाग के बीच हजारों ट्रकों की संख्या में कमी आएगी और एनएच-19 शहर में केवल हल्के वाहनों के लिए प्रवेश करेगा।
- डॉ। अरुण प्रताप सिकरवार


हाईवे से तो गुजरने में भी डर लगता है। पिछले कुछ दिनों में ही कई हादसे हो चुके हैं। सिकंदरा चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में भी वाहन आमने-सामने आते हैं। कई बार हादसा होते-होते बचता है।
- सौदान सिंह