आगरा(ब्यूरो)। पुलिस कमिश्नरेट आगरा के अंतर्गत साइबर क्राइम सेल साइबर क्रिमिनल्स को खत्म करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हंै। हर आम और खास को हर स्तर पर अवेयर करने के लिए साइबर सेल ने ये पहल शुरू की है। इस कॉमिक्स के पब्लिश होने, ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए साइबर सेल की सराहना की जा रही है। इस कॉमिक्स में साइबर क्राइम से जुड़ी हर उस घटना को दर्शाया गया है, जिससे साइबर फ्रॉड लोगों को टारगेट करते हैं। किस तरह से साइबर फ्रॉड से बचा जाए, इसके टिप्स शेयर किए गए हैं।

साइबर सुरक्षा पर कॉमिक्स की जरूरत
मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, ऐसे में बच्चे और बुजुर्ग भी पीछे नहीं है। सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रहने वाले बच्चे अक्सर योन शोषण या फिर ठगी का शिकार हो रहे हैं, ऐसे उन्हें अवेयर करने के लिए कॉमिक्स ही एक मात्र विकल्प है, कॉमिक्स में प्रियंका और राजू दो करेक्टर हैं, जो लोगों को साइबर क्राइम के साथ यौन शोषण से जुड़ी जानकारी शेयर करते हैं। ताकि वह आगामी खतरे को भांप सकें और अपने परिवार के सदस्यों को जानकारी दे सकें। वर्तमान में इस कॉमिक्स की जरुरत है।

क्रिमिनल्स बच्चों को कर रहे टारगेट
साइबर क्रिमिनल्स मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले बच्चों को टारगेट कर रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बाल यौन शोषण के मामलों की जानकारी मिली है। डिजिटल सशक्तिकरण के युग में, यह जरुरी है कि बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में सही जानकारी देकर सशक्त बनाया जाए। साइबरस्पेस की सीमाओं और ज्ञान की कमी के परिणामस्वरूप अक्सर साइबरबुलिंग, शर्मिंदगी, ऑनलाइन धमकियां और दुरुपयोग होता है। कॉमिक्स को पढऩे के बाद इस तरह की घटनाओं से बच्चों के साथ हर आम और खास को अवेयर किया जा रहा है।

कॉमिक बुक में बच्चों की कहानियां
कॉमिक्स में बच्चों को कहानियों के जरिए समझाया गया है, इसमें सुपरकॉप प्रियंका और राजू कहानियों के जरिए साइबर क्राइम को समझाने के साथ उससे बचने के उपाय भी शेयर करते हैं, इस कॉमिक्स को पढऩे के बाद बच्चे खुद के साथ दूसरों को भी अवेयर कर सकेंगे। कॉमिक्स में बच्चे और किशोरों को ऑनलाइन दुव्र्यवहर के साथ साइबर दुरुपयोग के प्रति अलर्ट किया गया है। इस कॉमिक्स में बच्चों की ऑनलाइन दुनिया तक पहुंच को प्रतिबंधित नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें ऑनलाइन सुरक्षित रहने में सक्षम बनाने की कवायद की गई है। साइबरबुलिंग का प्रभाव बच्चे पर एक या दो दिन तक नहीं रहता है बल्कि यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर रहता है।

साइबर क्राइम को खत्म करने की पहल सराहनीय है। इस कॉमिक्स के जरिए लोगों को भी जागरूक करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। पुलिस साइबर फ्र ॉड को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए साइबर कॉमिक्स और एआई के जरिए काल्पनिक चरित्र के माध्यम से रोमांचित रूप में लोगों को समझाएगी। मनोरंजन करने वाले कार्टून करेक्टर लोगों को साइबर फ्र ॉड से अवेयर करेंगे।
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर

आज के समय में कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, इसी कारण साइबर क्राइम मेें इजाफा हो रहा है। साइबर सेल ने कॉमिक्स के जरिए आम जन को बेहद रोचक अंदाज में समझाने का कार्य किया है।
केशव चौधरी, एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस

अवर वॉइक्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में, 98 फीसदी टीचर्स ने कहा है कि बाल यौन शोषण की रोकथाम पर बाल-अनुकूल संसाधन आवश्यक हैं। वर्तमान में इस कॉमिक्स की नीड है।
सुल्तान सिंह, प्रभारी साइबर सेल

इंटरनेट के बाद अब साइबर ठग एआई को हथियार बनाकर बड़ी-बड़ी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। एआई के जरिये वह लोगों की आवाज का क्लोन तैयार कर रहे हैं, ऐसे में इस कॉमिक्स की नीड है।
विजय तोमर, साइबर एक्सपर्ट


साइबर क्राइम से हर कोई परेशान इसका एक मात्र उपाय अलर्ट रहना है, ऐसे में साइबर कॉमिक्स के जरिए लोगों को अवेयर किया जा सकेगा। पुलिस की ये अच्छी पहल है।
सिद्धार्थ यादव, टीचर


साइबर पुलिस की ये एक सराहनीय पहल है, टीचर्स भी बच्चों को इस कॉमिक्स के बारे में जानकारी शेयर करेंगे। जिससे वे खुद के साथ दूसरों को भी अवेयर कर सकें।
डॉ। भोजकुमार शर्मा, टीचर लीडर