आगरा(ब्यूरो)। शहर से 48 किलो मीटर दूर थाना मनसुखपुरा में तैनात पुलिसकर्मियों को बिच्छू को लेकर दहशत बनी रहती है। जूते से लेकर वर्दी पर बिच्छू चढ़ जाते हैं, इसको लेकर स्टाफ में दहशत का माहौल बना रहता है। कुर्सी या टेवल पर फाइलों को उठाने से पहले चारों ओर इस बात की पुष्टी कर लेते हैं कि इसके आसपास कोई बिच्छू तो नहीं हैं। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद भी मन में दहशत बनी रहती है।

पुलिसकर्मियों के हाथ में रहती हैं टॉर्च
थाना मनसुखपुरा में तैनात पुलिसकर्मियों के हाथों में टॉर्च रहती है, यह इसलिए भी जरुरी है कि अगर, वे बिना टॉर्च के परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो बिच्छू को देखकर अपना पैर अलग रखते हैं, क ई बार वर्दी को देखकर बिच्छू चिपकने की कोशिश करते हैं, इससे पुलिसकर्मी भी अलर्ट रहते हैं, वे दीवार से दूरी बनाकर, पैरों को ऊपर कर बैठते हैं।

पेहरा और होमगार्ड की लगती है ड्यूटी
थाना मनसुखपुरा परिसर में बिच्छू से दहशत का आलम यह है कि थाने में पहरा की ड्यूटी मालखाने, हवालात के अलावा बिच्छुओं पर निगरानी के लिए लगाई जाती है। होमगार्ड को चिमटी लेकर बिच्छुओं को पकडऩे का कार्य दिया जाता है, बिच्छुओं के लिए थाना परिसर में एक मिट्टी का मटका रखा जाता है, जिसमें बिच्छुओं को उठाकर रखा जाता है, इसके बाद जंगल में फेंकने जाना पड़ता है।

दंड के लिए होता है ट्रांसफर
थाना मनसुखपुरा में तैनात पुलिसकर्मी और थाना प्रभारी अधिकारियों से जोड़तोड़ कर थाने ट्रांसफर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना यह भी है कि कार्य में लापरवाही बरतने पर दरोगा, थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों का यहां ट्रांसफर किया जाता है।

एक दिन में पकड़ते हैं 10 से 12 बिच्छु
थाने में तैनात होमगार्ड धर्मपाल का कहना है कि एक दिन में वे 10 से 12 बिच्छुओं को पकड़ते हैं। थाने में तैनात पुलिसकर्मी उनको आवाज लगाते हैं, तो वे चिमटा लेकर पहुंच जाते हैं।
धर्मपाल, होमगार्ड

.काटते हैं तो चढ़ता है फीवर
थाना परिसर में तैनात कांस्टेबल राजन यादव बताते हैं कि जब अनदेखी होने पर बिच्छू काट लेते हंै तो तीन दिन तक फीवर रहता है, बिच्छू का घातक जहर से दर्द बना रहता है, आसपास के लोग झाडफ़ूक पर विश्वास करते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं है।
राजन यादव, पुलिसकर्मी