आगरा: प्रदेश सरकार अवैध निर्माणों को लेकर सत है। अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश हैं लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के इंजीनियरों की मिलीभगत से छत्ता वार्ड में अवैध निर्माणों की भरमार है। गुरुवार को एडीए उपाध्यक्ष डॉ। राजेंद्र पैंसिया के निरीक्षण में पोल खुल गई। शिकायतों के बाद भी दो से तीन मंजिला भवन बनकर तैयार हो गए हैं। कुछ में निर्माण चल रहा था तो कुछ पर कार्य रुका हुआ था। एडीए उपाध्यक्ष ने आधा दर्जन अवैध निर्माणों को सील करने के आदेश दिए हैं। वहीं, एडीए टीम ने 1.30 हेक्टेअर जमीन को कजा मुक्त कराया।
18 हजार अवैध निमाण
एडीए के दस वार्डों में 17 हजार अवैध निर्माण हैं। इसमें 256 कॉलोनियां भी शामिल हैं। एडीए कार्यालय में अवैध निर्माण की दो से तीन शिकायतें पहुंचती हैं। जिस पर गुरुवार दोपहर एडीए उपाध्यक्ष ने जीवनी मंडी, मेहताब बाग, एत्माद्दौला, रामबाग रोड, हाथरस रोड, पेठा नगरी, का¨लदी विहार से लेकर कुबेरपुर तक का निरीक्षण किया। आधा दर्जन भवन ऐसे थे जो बन चुके थे। कुबेरपुर स्थित महावीर ढाबा के पीछे बीस कमरों का मकान बन गया था। निर्माण कार्य को रुकवाने का प्रयास नहीं किया गया था। इस पर एडीए उपाध्यक्ष ने दस सालों से पूर्व निर्मित भवनों के संबंध में मानचित्र संबंधी साक्ष्यों को उपलध कराने के आदेश दिए। उपाध्यक्ष ने गाटा संया 1945, 1946 और 1947 का सर्वे किया। एडीए की 1.30 हेक्टेअर जमीन पर कजा कर लिया गया था। जेसीबी से निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। वहीं एडीए टीम ने भवन संया 183 में चल रहे अवैध निर्माण को रुकवा दिया। निरीक्षण के दौरान विशेष कार्याधिकारी गरिमा सिंह, एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद, मुय अभियंता एसके नागर साथ रहे।