आगरा(ब्यूरो)। सिकंदरा क्षेत्र निवासी जसपाल सिंह ने बताया कि हाईवे की स्थिति बीते कई साल से खराब है। लेकिन नेशनल हाईवे पर लोगों को जान हथेली पर लेकर चलना पड़ता है। भावना एस्टेट, महर्षिपुरम, केके नगर के क्षेत्र में लगभग एक लाख से अधिक लोग रहते हैैं। रोजाना उनका यहां से आना-जाना रहता है। यह तो बड़ी घटना है, लेकिन आए दिन यहां पर घटनाएं होती रहती हैैं। गुरु का ताल से लेकर सिकंदरा तक वाहन अपनी दिशा में तो चलते ही हैैं, लेकिन रॉन्ग साइड भी वाहन लगातार आते रहते हैैं। इससे हादसे का हमेशा खतरा बना रहता है। आलम यह है कि सिक्स लेन का हाईवे अब रिस्क के साथ चार लेन का ही रह गया है। उन्होंने बताया कि वह पहले गणपति किंग्स काउंटी में रहते थे। लेकिन रोजाना की समस्या को देखते हुए उन्होंने घर बदलकर आवास-विकास सिकंदरा में स्विफ्ट कर लिया है।
सिक्स लेन बन जाती है वन लेन
सिकंदरा से गुरु का ताल तक जाने में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। इससे क्षेत्रीय लोगों को काफी परेशानी होती है। सिकंदरा क्षेत्र में स्थित ओम श्री इंस्पायर सोसायटी में रहने वाले पारूल कपूर बताते हैैं कि स्थिति इतनी खराब है कि हम अपनी सोसायटी से गुरु का ताल की ओर जाते हैैं तो हाईवे पर टॉप लेन में ही वाहन बिना अवरोध के चल पाते हैैं। तीसरी लेन में हॉस्पिटलों में आए लोगों की गाडिय़ां खड़ी रहती है। ऐसे में सामने से अचानक से दूसरी लेन में भी तेज स्पीड में वाहन आ जाते हैैं। इससे कई बार हादसा होते-होते बच जाता है। यहां पर इस कारण हादसे भी हो चुके हैैं।
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सर्विस रोड होना चाहिए
गुरु का ताल से सिकंदरा तक लगभग दो किलोमीटर तक का एरिया है। हाईवे के किनारे कई हाउसिंग सोसायटी और कई कॉलोनियां हैं। यहां पर हजारों लोग रहते हैैं, इनका आना जाना हाईवे से ही होता है। क्षेत्रीय निवासी एसपी सिंह बताते हैैं कि हमें या तो एक किमी। सिकंदरा की ओर जाना पड़ता है या फिर एक किमी। गुरु के ताल की ओर। दोनों ही जगह पर बेहद जाम की स्थिति होती है। इसलिए हम लोगों के लिए यहां पर सर्विस रोड होना चाहिए।
बच्चों को घर से बाहर भेजने में लगता है डर
गणपति किंग्स काउंटी के प्रेसिडेंट राजीव अरोड़ा ने बताया कि हम लोग काफी अच्छी जगह पर रहते हैैं। लेकिन हाईवे का रास्ता हमारे लिए भयभीत करने वाला है। हाईवे के कारण हम हमेशा डरे हुए रहते हैैं। कहीं बाहर भी जाते हैैं तो पूरा रास्ता एंज्वॉय करते हुए आते हैैं। लेकिन गुरुद्वारा आते ही भयभीत हो जाते हैैं। सबसे ज्यादा डर तो अपने बच्चों को घर से बाहर ले जाने में लगता है। आए दिन काफी हादसे होते रहते हैैं। बच्चों को स्कूल भेजते व कोचिंग भेजने में काफी परेशानी होती है। यहां पर कोई अंडर पास बनना चाहिए या फिर कामायनी का कट खोला जाना चाहिए। जिससे कि गुरुद्वारा और सिकंदरा पर ट्रैफिक कम हो।
कई बार बच चुके हैैं हादसों से
खंदारी निवासी पवन कुमार बताते हैैं कि वे अक्सर सिकंदरा जाते हैैं। कई बार तो वो हादसे का शिकार होने से बच चुके हैैं। उन्होंने बताया कि वे गुरु का ताल क्रॉस करने के बाद अचानक से वाहन आ जाते हैैं। ऐसे में अचानक से लेन बदलना मुश्किल हो जाता है और वाहन अनकंट्रोल हो जाता है।
यह हाईवे अब हादसों का हाईवे बन चुका है। सिक्स लेन के हाईवे में सर्विस रोड न होने के चलते एक से दो लेन में तो रॉन्ग साइड पर वाहन चलते हैैं। क्षेत्रीय लोगों को जिम्मेदारों ने उनके हाल पर छोड़ दिया है।
- राजीव अरोड़ा, प्रेसिडेंट, गणपति किंग्स काउंटी
हाईवे पर हैवी ट्रैफिक का लोड है। लगभग एक लाख लोग सिकंदरा और गुरुद्वारा गुरू का ताल से रोज क्रॉस होते हैैं। ऊपर से हाईवे का ट्रैफिक। इसका कोई स्थाई समाधान होना चाहिए। यह हादसों का हाईवे बन गया है।
- जसपाल सिंह, क्षेत्रीय निवासी
मैैं दो बार हादसे से बच चुका हूं। एक बार तो सामने से वाहन आया और मैने अचानक लेन बदली और पीछे से आ रही गाड़ी मेरी गाड़ी से टकरा गई और अनकंट्रोल हो गई। मैैं बाल-बाल बच गया।
- पवन कुमार, राहगीर
गुरु का ताल से सिकंदरा तक दोनों ओर सर्विस लेन की रिक्वॉयरमेंट है। इससे दो किमी। के एरिया में रहने वाले लोगों और हाईवे पर चलने वाले वाहनों के लिए काफी राहत मिलेगी। हादसा होने का रिस्क कम होगा।
- हर्ष सक्सेना, निवासी गोविंदपुरी
50 हजार घर हाउसहोल्ड हैैं दो किमी के दायरे में
01 लाख से अधिक लोगों को रोज क्रॉस करनी होती है क्रॉसिंग