मथुरा जा रहे थे श्रद्धालु
छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले 90 श्रद्धालुओं का दल 14 अगस्त की रात को वाराणसी के लिए निकला था। सभी लोग 15 अगस्त को वाराणसी पहुंचे। यहां पर काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद सभी लोग 19 अगस्त की शाम को कोटा-पटना एक्सप्रेस से मथुरा के लिए रवाना हुए। सभी लोग एस-1, एस-2 और एस-3 बोगी में सवार थे। यात्रा कर रहे जयराम नैनवानी ने बताया कि रात में अपना लाया खाना खाया था। करीब नौ बजे से उनके ग्रुप के सदस्यों की तबीयत बिगडऩे लगी। उनको उल्टियां शुरू हुई। कुछ ही घंटों में करीब 15 से 20 सदस्य उल्टी और लूज मोशन की शिकायत करने लगे। रात का समय था, ऐसे में उनके पास जो भी दवाइयां थीं, उन्हें दी गई। इसके बाद सुबह तक उन्हें आराम नहीं मिला। लगातार उनकी तबीयत खराब हो रही थी। ऐसे में उन्होंने मदद के लिए रेलवे के नंबर पर कॉल किया। आगरा कैंट पर ट्रेन पहुंचने पर उन्हें मदद दी गई।

स्टेशन पर हुई दो की मौत
आगरा कैंट स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही यात्री नीचे उतरे। सूचना पर रेलवे हॉस्पिटल की टीम भी मौजूद थी। डॉ। अवंतिका सिन्हा ने बताया कि उन्होंने ट्रेन को अटेंड किया था। उस समय एक महिला यात्री का मौत हो चुकी थी। दूसरा यात्री गंभीर था, जब तक उनको हॉस्पिटल लेकर आते, उनकी भी मौत हो गई। बाकी करीब 12 यात्री ऐसे थे, जिन्होंने तबीयत खराब होने की बात कही थी। इसमें एक महिला बेहद गंभीर है, उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। बाकी के पांच यात्री जिसमें चार महिला और एक पुरुष है, उनका इलाज रेलवे हॉस्पिटल में चल रहा है।

इनकी हुई मौत
रायपुर की रहने वाली कुमारी बाई और रामा निषाद की मौत हो गई है। वहीं, लोकेश्वर यादव, प्रभा बाई, रंभा बाई साहू और सोनिया बघेल का इलाज रेलवे हॉस्पिटल में चल रहा है। प्रथम दृष्टया डिहाइड्रेशन का मामला लग रहा है। वहीं, आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि जहरखुरानी का मामला नहीं है। डिहाइड्रेशन के चलते यात्रियों की तबीयत बिगड़ी है।
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रेलवे स्टाफ को नहीं दी जानकारी : यात्री पंकज ने बताया कि साथियों की तबीयत बिगडऩे की जानकारी रेलवे स्टाफ को भी नहीं दी गई। रायपुर से वाराणसी जाने के दौरान तीन साथियों की तबीयत खराब हुई थी। ऐसे में उन्हें लगा उमस और गर्मी से फिर से साथियों की तबीयत खराब हुई है।
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कई यात्री चले गए मथुरा : वाराणसी से मथुरा के लिए 90 यात्रियों का समूह था। आगरा कैंट स्टेशन पर तीस मिनट तक कोटा-पटना एक्सप्रेस खड़ी रही। 15 यात्री स्थानीय रेलवे अस्पताल में पहुंचे। ट्रेन से कई मथुरा के लिए रवाना हो गए।
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एक ही मांग, घर भेज दो : रेलवे अस्पताल में अधिकांश यात्री बारना गांव भेजने की मांग पर अड़ गए। यात्री सुनील ने बताया कि अब वह मथुरा नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें ट्रेन से रायपुर तक भेज दिया जाए। एक अन्य यात्री सुरेश ने बताया कि दो साथियों की मौत से झटका लगा है। अब वह यात्रा जारी नहीं रखना चाहते।
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एसएन में भर्ती कराया एक यात्री : रेलवे अस्पताल में भर्ती हुए उत्तम साहू की तबीयत अधिक खराब होने लगी। यह देख डाक्टरों ने उत्तम को एसएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
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जहरखुरानी की घटना से इन्कार : पटना-कोटा एक्सप्रेस में सबसे पहले सूचना जहरखुरानी की घटना को लेकर मिली थी। जांच के बाद जीआरपी और आरपीएफ ने इससे इन्कार कर दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर कैंट देवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 90 लोगों का समूह एक साथ था। किसी ने भी बाहर से कुछ भी नहीं खरीदा और न ही किसी अनजान आदमी के हाथों से कुछ खाने का सामान लिया है।

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यात्रा के दौरान यह करें
यात्रा करते समय खाना ताजी हो, रखा हुए खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें
स्वच्छ पानी का सेवन करें
कम भोजन खाएं
उल्टी दस्त होने पर ओआरएस का घोल लेते रहें


फूड प्वॉइजनिंग के कारण यात्रियों की तबियत खराब हुई। मरीजों को रेलवे हॉस्पिटल में उपचार दिया जा रहा है।
- प्रशस्ति श्रीवास्तव, पीआरओ, आगरा रेलवे मंडल