आगरा। एमफिल का रिजल्ट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स ने मूल्यांकन प्रोसेस पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन में कोई खामी है। स्टूडेंट्स ने इसके समाधान के लिए विभागाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, वीसी, सहायक कुलसचिव के समक्ष अपनी उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन के लिए लिंक खोलने का प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन किसी ने भी इसको गंभीरता से नहीं लिया। इससे स्टूडेंट्स को भविष्य की चिंता सता रही है। परेशान स्टूडेंट्स रिजल्ट जारी होने के बाद यूनिवर्सिटी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी जगह उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई। स्टूडेंट्स पीएचडी एडमिशन के लिए भी अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
शुरू से टॉपर रहे कई स्टूडेंट्स
एमफिल स्टूडेंट वंदना त्रिापाठी का कहना है कि जो स्टूडेंट्स फेल किए गए हैं, वह सभी स्टूडेंट्स टॉपर रहे हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि वह इस एग्जाम में किसी खामी के कारण ही फेल हुए हैं। क्योंकि इनमें से तीन स्टूडेंट्स आदेश कुमार, पिंकी प्रजापति और सत्येंद्र कुमार यूजीसी नेट क्वालिफाई हैं। इसके बाद भी इन्हें इस परीक्षा में फेल कर दिया गया है। एमफिल हिस्ट्री के स्टूडेंट्स आदेश कुमार, पिंकी, सतेन्द्र और वंदना त्रिपाठी का कहना है कि एग्जाम में मेडल पाने के लिए तैयारी की थी, लेकिन यूनिवर्सिटी की लापरवाही से मेडल की उम्मीद छोड़कर भविष्य की चिंता है। पीएचडी की लास्ट डेट नजदीक है
लिंक नहीं हो रहा ओपन
गुरुवार को यूनिवर्सिटी कार्यालय पहुंचे स्टूडेंट्स ने कुलपति विनय कुमार पाठक द्वारा सभी को जांच का आश्वासन दिया गया। वहीं, लिंक ओपन करने का भी भरोसा दिलाया गया। इसमें स्टूडेंट्स का दोबारा मूल्यांकन किया जाएगा, लेकिन देर रात तक स्टूडेंट्स ट्राय करते रहे। लेकिन लिंक नहीं खुला।
600 में से 580 नंबर
मैनपुरी की रहने वाली स्मृति सिसौदिया ने रसायन विज्ञान में पीजी किया था। जिसमें छात्रा के रिजल्ट को रोक दिया। छात्रा द्वारा यूनिवर्सिटी कार्यालय के चक्कर लगाए। जांच होने पर छात्रा के 580 नंबर मिले। इसके बाद छात्रा का नाम मेडल लिस्ट में शामिल किया गया। छात्रा का कहना है कि वह परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में अधिकारियों से कई बार मिली, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। अंत में कुलपति के आदेश पर मामले को गंभीरता से लिया गया।
परेशान स्टूडेंट्स की शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। इस संबंध में लिंक ओपन किया गया है। स्टूडेंट्स अप्लाई कर दोबारा मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रो। विनय कुमार पाठक, प्रभारी वीसी, डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी