आगरा। प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट््स अवेयरनेस (पापा) के नेतृत्व में शनिवार की सुबह कलक्ट्रेट पहुंचे। पेरेंट्स ने एडीएम सिटी अंजनी कुमार को सौंपे ज्ञापन में बताया कि स्कूल द्वारा मनमानी की जा रही है। कोरोना संक्रमण की वजह से जनवरी में स्कूल बंद थे। आरोप है कि स्कूल द्वारा जनवरी से ही ट्रांसपोर्ट फीस मांगी जा रही है, जबकि बसों का संचालन 15 फरवरी के बाद शुरू हुआ था। फीस में भी 15 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है।

तो पेरेंट्स करेंगे कलक्ट्रेट का घेराव
विरोध करने पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोक दिया गया है। छात्रा आस्था बंसल ने बताया कि पीटीएम में जनवरी माह की ट्रांसपोर्ट फीस जमा ना होने के कारण उनका रिजल्ट नही दिया गया। टीम पापा के राष्ट्रीय संयोजक दीपक ङ्क्षसह सरीन ने बताया कि इसके विरोध में वे 24 मार्च को स्कूल के बाईपास स्थित सिटी सेंटर आफिस पहुंचे थे, तो वहां मौजूद को-आर्डिनेटर ने लिखित में शिकायत देने को कहा। तब से आज तक न तो उनका जवाब आया, न ही फोन उठाया जा रहा है। मजबूरी में पेरेंट्स को जिला प्रशासन से शिकायत करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि शासनादेश का पालन नहीं हुआ, तो पेरेंट्स कलक्ट्रेट गेट का घेराव करेंगे।


सीएम से की मामले की कंप्लेन
इस मामले की कंप्लेन उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी है। इस मौके पर दिलीप बंसल, ज्ञानेंद्र अवस्थी, सुमित सक्सेना, मनोज गोयल, राखी ङ्क्षसह, शैलेंद्र ङ्क्षसह, डॉ। वेदांत राय, विवेक कुमार, राहुल शर्मा, मनोज ङ्क्षसह, केदार वर्मा, अंजू सिकरवार आदि मौजूद रहे।


वर्जनकोई भी स्कूल शासनादेश का उल्लंघन नहीं कर सकता। स्कूल को निर्देशित किया जाएगा कि ट्रांसपोर्ट फीस स्कूल खुलने के बाद से ही ली जाए व शिक्षा शुल्क में शासनादेश के अनुसार कोई वृद्धि न की जाए।
-मनोज कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक


हमने 24 में से 18 महीने की फीस माफ कर दी। 4400 में से सिर्फ 14 पेरेंट्स मांग उठा रहे हैं। हम ट्रांसपोर्टेशन फीस माफ करने को राजी हैं लेकिन पेरेंट्स लिखकर दें कि उन्हें क्या समस्या है या फिर ट्रांसपोर्टेशन सुविधा नहीं चाहिए। किसी भी पेरेंट्स ने लिखित कंप्लेन नहीं की है। जिला विद्यालय निरीक्षक का नोटिस मिला है, उसका जवाब दे देंगे।
- सुनील अग्रवाल, निदेशक, डीपीएस