आगरा(ब्यूरो) : ग्रामीणों ने खेत खलियान पर आना-जाना बंद कर दिया है। शाम ढलते ही अपने पशुओं को बाड़े में बंद कर घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। तेंदुओं का लगातार आतंक व हमला बढ़ता देख ग्रामीण स्कूल आने जानेच्बच्चों को लेकर काफी ङ्क्षचतित है। क्योंकि गांव केच्बच्चे रोजाना बीहड़ के रास्ते से होकर स्कूल के लिए पहुंचते हैं। पुलिस व वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गयी है। वन विभाग की टीम ने शुक्रवार रात तेंदुए को पकडऩे के लिए गांव के किनारे एक बड़ा ङ्क्षपजरा लगा दिया।
थाना मनसुखपुरा के गांव पलोखरा जो चंबल के बीहड़ के किनारे बसा हुआ है। शुक्रवार रात एक तेंदुआ गांव में घुस आया और कमरुद्दीन के दरवाजे के बाहर बंधी तीन बकरियां को अपना शिकार बना लिया। बकरियों की आवाज सुनकर जागे ग्रामीणो ने लाठी-डंडे लेकर तेंदुए को गांव से बीहड़ की ओर भगा दिया। पुलिस व वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही रेंजर बाह उदय प्रताप ङ्क्षसह व थाना प्रभारी मनसुखपुरा अमरदीप शर्मा पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे वहीं वन टीम रात भर तेंदुए की तलाश में चंबल का बीहड़ खंगालती रही। वहीं थाना पिनाहट के गांव पडुआपुरा स्थित चंबल के बीहड मे मोनी बाबा आश्रम पर शुक्रवार तेंदुआ ने गायों पर हमला बोल दिया। गायों की आवाज सुनकर आश्रम में सो रहे संत राघवदास महाराज और लोगों के साथ लाठी लेकर पहुंचे। तेंदुआ को भगाया। इस दौरान हमले में तीन गायों को घायल कर दिया। इनका शनिवार को उपचार कराया गया।
इन ग्रामीणों के पशुओं को बनाया शिकार
पलोखरा निवासी विजय की दो बकरियों को, कमरुद्दीन की तीन बकरियां को, धर्मवीर की एक भैंस को, मेदीपुरा निवासी बीधाराम की दो बकरियों को इस तरह पिछले करीब एक सप्ताह में तेंदुआ करीब तीन दर्जन पशुओं को अपना शिकार बना चुका है।
रातभर जागकर ग्रामीण कर रहे रखवाली
ग्रामीण कमरुद्दीन और विजय ने बताया कि तेंदुआ का आतंक से अपने पशुओं को सुरक्षित रखने के लिये। बारी-बारी से रात भर लाठी-डंडों से पहरा देकर रखवाली कर रहे हैं।
इन गांव में भारी दहशत
तेंदुआ पशुओं पर किए जा रहे हम लोग से चंबल नदी के बीहड़ में बसे गांव पालोखरा, मेदीपुरा, नांद का पुरा, टीकत पुरा, गढ़कापुरा, मनसुखपुरा, रेहा, बरेंडा, बाज का पुरा, जगतू पुरा, सुखभान पुरा, परजा पुरा बड़ापुरा, करकोली, विप्रावली, क्योरी में भारी दहशत है। वहीं रेंजर बाह उदय प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि सूचना पर वन विभाग की टीम पिछले 2 दिन से लगातार चंबल के बीहड़ में कांङ्क्षबग कर रही है। जिस गांव में तेंदुआ का सबसे अधिक आतंक है। उस गांव में तेंदुए को पकडऩे के लिए ङ्क्षपजरा लगा दिया गया है। बीहड़ जंगली जानवरों की संख्या भी बढ़ाने है। साथ ही सुरक्षा भी ध्यान में रखनी है।