आगरा(ब्यूरो)। पैनल डिस्क्शन में शामिल हुए प्रबुद्धजनों ने स्मार्ट सिटी बने चुके आगरा को लेकर अपनी राय रखी। शिक्षाविद् शशांक अग्रवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी आगरा बना है या नहीं, ये जानने से पहले हमें ये समझना होगा कि स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट कहां से आया और इसके तहत किस तरह के बदलाव होने थे। क्या वह हुआ है, अगर नहीं हुआ है तो क्या नहीं हुआ है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रोल और रेस्पॉन्सिबिलिटी को समझने की है। जब तक गवर्नमेंट बॉडीज और ऑफिशियल अपने बिहेवियर में ये शामिल नहीं करेंगे। कुछ नहीं होगा। जिस दिन ऑफिशियल पेन लेकर वर्क करना स्टार्ट कर देंगे, तो कोई सड़क खुदी नहीं दिखाई देगी। सब कुछ सिस्टेमेटिकली होने लगेगा।

बार-बार खोद दी जाती है सड़क
भाजपा नेत्री व समाजसेवी रजनी अग्रवाल ने कहा कि साल में एक सड़क ही अलग-अलग कार्यों के लिए बार-बार खोद दी जाती है। बल्केश्वर मंडल के अध्यक्ष गिरिराज बंसल ने कहा कि हमें खुद स्मार्ट बनना होगा, तभी शहर स्मार्ट बनेगा। पवन आगरी ने कहा कि विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन नहीं है। कमांडिंग पॉवर निगम के पास होनी चाहिए। व्यापारी श्याम भोजवानी ने कहा कि हम पिछले काफी समय से साउथ इंडिया के शहर में जा रहे हैं। वह कितने स्वच्छ हैं। जबकि यहां ऐसा नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि हम खुद जागरूक बनें। अच्छे शहरवासी का कर्तव्य निभाएं। विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन होना चाहिए। अब भी स्थिति ये है कि नाला सफाई के नाम पर कूड़ा निकालकर किनारे पर रख दिया जाता है। वही कूड़ा नाले में दोबारा चला जाता है। पार्षद हरीओम गोयल बाबा ने कहा कि जिस तरह से शहर में वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। उससे एलिवेटिड रोड की आवश्यकता है। शहर में आज आवारा जानवर सबसे बड़ी समस्या है।

रोडवेज बस करती हैं दादागिरी
संस्था ट्रैफिक सपोर्ट के सुनील खेत्रपाल ने कहा कि भले ही स्मार्ट सिटी बनने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन आम लोगों की स्मार्टनेस का पता लगाने का आसान तरीका है कि वह शहर में किस तरह ट्रैफिक रूल्स को फॉलो कर रहे हैं। आज भी अगर चौराहे पर रेड लाइट के बीच किसी को गुजरने से रोका जाता है तो वह लडऩे को तैयार हो जाता है। लोगों को पहले कम से ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने में स्मार्ट बनना होगा। डॉ। महेश चौधरी ने कहा कि रोड पर बसें खड़ी होती हैं। सरकारी बसों के चालक दादागिरी करते हैं।


एक कार्य के लिए कई-कई बार सड़क खोद दी जाती है। इसे रोका जाना चाहिए।
रजनी अग्रवाल, समाजसेवी

भगवान टॉकीज से रामबाग तक अवैध बस स्टैंड बना लिए गए हैं। इन्हें हटाया जाना चाहिए।
पंकज अग्रवाल, पार्षद

शहर तभी स्मार्ट बन सके गा जब हम स्मार्ट बनेंगे। शहर को स्मार्ट बनाने में हर कोई सहयोग करे।
पूजा बंसल, पार्षद

पार्षद समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखाते। शहर कूड़ा कलेक्शन से लेकर साफ-सफाई प्रॉपर हो।
नीरजा तोमर

सफाईकर्मी प्रॉपर सफाई नहीं करते। 10-10 दिन तक आज भी कूड़ा नाले-नालियों के किनारे पड़ा रहता है।
श्रुति जग्गी

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है लेकिन नगर निगम की पॉवर में और इजाफा होना चाहिए।
पवन आगरी

हाईवे पर रोडवेज बसें सड़क पर खड़ी रहती हैं। जबकि हैवी व्हीकल्स शहर के अंदर एंटर नहीं होने चाहिए।
डॉ। महेश चौधरी

ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है। स्मार्ट सिटी लोगों को भी स्मार्ट बनना होगा।
सुनील खेत्रपाल, ट्रैफिक सपोर्ट

ट्रैफिक सिग्नल कुछ दिखाता है पुलिसकर्मी कुछ और इंस्ट्रक्शन देता है। इससे कंफ्यूजन की स्थिति बन जाती है।
शशांक अग्रवाल

पहले यूटिलिटी सर्विस को ध्यान में रखते हुए लेआउट प्लान बनाना चाहिए। जिससे सड़क बार-बार खोदने की जरूरत न पड़े।
गिरिराज बंसल

टॉयलेट गंदे रहेंगे तो कोई भी यूज नहीं करेगा। अगर टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है तो उसका संचालन भी प्रॉपर हो।
राहुल दीक्षित

हर कोई अपना घर साफ रखता है लेकिन अगर यही विचार अपने क्षेत्र और शहर को लेकर भी व्यक्ति अपना ले तो बदलाव आ जाएगा।
हरिओम गोयल बाबा, पार्षद

हमारा शहर एक गुलदस्ता के समान है। यहां हर धर्म, विचार के लोग रहते हैं। शहर में खुशहाली रहे इसके लिए जरूरी है कि जल्द बैराज बने।
महेश निषाद


सिर्फ नाम देने से आगरा स्मार्ट नहीं बनेगा। बल्कि यहां के लोगों के जीवन में किस तरह बदलाव आया है, उससे इसका आंकलन होना चाहिए।
बंटी प्रजापति

शहर को साफ रखने के लिए सभी को अवेयरनेस दिखानी चाहिए। सरकारी विभागों की ओर से पब्लिक के पैसे की बर्बादी को रोका जाना चाहिए।
श्याम भोजवानी


पब्लिक की ओर से आए सुझाव
- भगवान टॉकीज से वाटरवक्र्स तक चल रहे अवैध बस स्टैंड को हटाया जाए।
- सभी सरकारी विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन बनना चाहिए।
- संजय प्लेस में टॉयलेट का निर्माण कराया जाए।
- बसों के लिए नए स्टैंड बनाए जाने चाहिए।
- सड़कों का चौड़ीकरण कराया जाए।