आगरा(ब्यूरो)। ब्रेस्ट से कैंसर को निकालने के बाद में अब ब्रेस्ट का पुर्ननिर्माण संभव है। इसे किया भी जा रहा है। यह बात इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी द्वारा होटल आईटीसी मुगल शेरेटन में तीन दिवसीय मिडटर्म कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने वर्कशॉप के दौरान कहीं। तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में देशभर के लगभग 250 कैंसर सर्जन पार्टिसिपेट कर रहे हैैं।

वर्कशॉप में एम्स दिल्ली के कैंसर विभाग के डॉ। एसवीएस देव और डॉ। आशुतोष मिश्रा ने वर्कशॉप के दौरान दी। उन्होंने कहा कि पहले ब्रेस्ट में कैंसर होने पर ब्रेस्ट को निकाल दिया जाता था। लेकिन अब प्लास्टिक सर्जरी के जरिए ब्रेस्ट का भी पुर्नगठन किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शुरूआत में ही यदि कैंसर की पहचान कर ली जाए तो कम खतरे के साथ इसका उपचार किया जा सकता है।

आंतों के कैंसर की सर्जरी को नहीं काटना होगा पेट
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजर डॉ। संदीप अग्रवाल ने कहा कि वर्कशॉप में आंतों की सर्जरी को स्टेपलर विधि से करने के बारे में भी चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि आंतों के कैंसर होने पर अब पेट काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस विधि में आंतो का ज्यादा सुरक्षित तरीके से दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया जा सकेगा। इसमें पेट को खोलने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

ओवरी कैंसर में हाईपैक
कॉन्फ्रेंस में पहले दिन एस्टर ग्रुप के डॉ। सोम शेखर ने ओवरी कैंसर में हाईपैक देने की विधि पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ओवरी कैंसर होने पर इस विधि में उच्च तापमान पर कीमो थैरेपी दी जाती है। इससे ओवरी कैंसर में कीमो के जरिए उपचार संभव है।

पहले दिन यह बोले
एम्स से डॉ। एसवीएस देव, डॉ। आशुतोष मिश्रा, आदियर कैंसर सेंटर से डॉ। अरविंद कृष्णमूर्ति, एस्टर ग्रुप से डॉ। सोम शेखर, भुवनेश्वर से आए डॉ। पीके दास, त्रिवेंद्रम से आए डॉ। चंद्रमोहन, एम्स जोधपुर से डॉ। जीवन राम, डॉ। राजेंद्र त्रिपाठी, कोलकाता से आए डॉ। शैकत गुप्ता।
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ब्रेस्ट कैंसर को लेकर इंपोर्टेंट फैक्ट्स
-ब्रेस्ट कैंसर का जितना जल्दी पता चल जाए, उतना ही उसके ठीक होने के आसार बढ़ते हैं।
-पीरियड्स के सातवें दिन सेल्फ एग्जामिनेशन करें।
-20 साल की उम्र से हर महीने सेल्फ एग्जामिनेशन और 40 साल बाद सालाना रुटीन चेकअप - मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड आदि करवाएं।
-पहली स्टेज पर ही पता चल जाए तो मरीज 100 फीसदी ठीक हो जाता है।
-जल्दी पता चलने पर सर्जरी होती है तो ब्रेस्ट को हटाना नहीं पड़ता। छोटी गांठ या ट्यूमर को हटा देते हैं।
- शुरुआत में ही पता लग जाए तो खर्च भी कम आता है।
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यह हैैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
-अगर कोई गांठ बन गई है और उसमें दर्द नहीं है तो कैंसर होने की आशंका ज्यादा है।
- निपल से किसी तरह का खून जैसा रिसाव।
- महिला प्रेग्नेंट न हो और बच्चे को ब्रेस्ट फीड भी न कराती हो लेकिन ब्रेस्ट से दूध या पानी जैसा डिस्चार्ज हो।
- बिना वजन बढ़े, प्रेग्नेंट हुए ब्रेस्ट के साइज या शेप में बदलाव आ जाए।
- ब्रेस्ट एक-दूसरे से दूसरी दिशा में जाने लगें या एक समान स्तर पर न रहें।
- निपल अंदर की ओर धंसने लगे।
- स्किन संतरे के छिलके जैसी होने लगे, खिचाव हो या लाल हो जाए।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलोजी द्वारा मिडटर्म कॉन्फ्रेंस का आयोजन पहली बार आगरा में हो रहा है। देशभर के लगभग 250 कैंसर सर्जन इस कॉन्फ्रेंस में कैंसर सर्जरी में हो रहे नए डवलेपमेंट्स पर चर्चा करेंगे।
- डॉ। संदीप अग्रवाल, ऑर्गेनाइजर, मिडकॉन-2023