केस वन
दयालबाग स्थित तरण ताल का पानी स्वच्छ है, फिल्टर लगा है, गहराई के संकेतक है, प्रशिक्षक भी तैनात है। प्रशिक्षुओं को तैराकी सिखा रहे हैं। अधिकांश नियमों का पालन हो रहा है, लेकिन इसका क्रीड़ा विभाग में पंजीकरण नहीं है। न ही, वहां दुर्घटना या आपात स्थिति में पूल संचालक, चिकित्सक आदि का नाम व ब्यौरा लिखा है।

केस टू
शास्त्रीपुरम स्थित तरण ताल में प्रशिक्षक, बालक-बालिकाओं के लिए अलग चेङ्क्षजग रूम, फिल्टर प्लांट, गहराई के संकेत आदि की व्यवस्था दुरुस्त हैं, लेकिन दीवारों पर आपातकाल में कृत्रिम सांस लेने उपकरण, नजदीकी अस्पताल व चिकित्सक व तरण ताल संचालक की जानकारी नहीं लिखी गई है। तरण ताल पंजीकरण नहीं है।

जिले में सिर्फ 10 स्विमिंग पूल ही रजिस्टर्ड
स्थिति यह है कि जिले के सिर्फ 10 तरण ताल का ही पंजीकरण है। जबकि इनके संचालन से पूर्व क्रीड़ा विभाग के एकलव्य स्पोट््र्स स्टेडियम स्थिति कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण डीएम द्वारा गठित कमेटी से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर ही होगा है। हैरानी की बात है कि जिले में तमाम तरण ताल बिना पंजीकरण संचालित हैं। इसमें ग्वालियर हाईवे से सटे इलाकों में कई स्विमिंग पूल मानकों को दरकिनार कर संचालित किए जा रहे हैं। ये स्थिति जब हैं, जब जिले में स्विमिंग पूल में डूबने से कई हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार मौन हैं। इसके अलावा अधिकांश स्कूलों, होटल, रिसार्ट और निजी स्तर पर संचालित स्विमिंग पूल भी संचालित हैं।

रजिस्ट्रेशन क्योंंंंंंं है जरुरी
तरण ताल संचालन से पहले पंजीकरण इसलिए आवश्यक है क्योंकि डीएम द्वारा गठित टीम सभी सुविधाओं का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही पंजीकरण करती है। संचालक को दीवार या बोर्ड पर घोषणा लिखनी होती है कि किसी हादसे या आपातकालीन स्थिति में जिम्मेदारी उनकी होगी। इससे बचने को अधिकांश स्विमिंग पूल संचालक रजिस्ट्रेशन कराने से बचते हैं।

आधा दर्जन नोटिस किए जारी
मंडलीय क्रीड़ाधिकारी सुनील चंद्र जोशी ने बताया कि सिर्फ 10 ने विभाग में अपना पंजीकरण कराया है। शेष अवैध रूप से संचालित हैं। करीब आधा दर्जन तरण ताल संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन बिना पुलिस-प्रशासन के सहयोग के कार्रवाई संभव नहीं है। उनसे सहायता ली जाएगी।

स्टेडियम का तरण ताल फिलहाल बंद
शहरवासियों की सुविधा के लिए एकलव्य स्पोट््र्स स्टेडियम में नियमों के तहत निर्मित तरण ताल बनाया गया है, जो मरम्मत कार्य चलने के कारण फिलहाल बंद है, काम 10 जून तक पूरा होगा इसलिए संचालन 15 जून से पहले होता नहीं दिख रहा।

यह हैं नियम
- अनुभवी प्रशिक्षक व योग्य जीवन रक्षक हो।
- प्राथमिक उपचार व स्ट्रेचर की आसान उपलब्धता।
- फिल्टर प्लांट
- सांस लेने के कृत्रिम उपकरण। सूचना बोर्ड या दीवार पर लिखी हो।
- आपातकालीन के लिए नजदीकी अस्पताल व चिकित्सक का नंबर, वहां तक दूरी व मार्ग निर्देशन लिखा हो।
- बालक-बालिकाओं के अलग-अलग चेंङ्क्षजग रूम ।
- गहराई चिह्न लिखा हो।