आगरा(ब्यूरो)। रावत पाड़ा के लुहारगली रंगों और पिचकारी की बिक्री का बाजार है। यहां से आसपास के जिलों में इन रंगों को सप्लाई करने का काम किया जाता है। यहां थोक विक्रेता के साथ रिटेल खरीदार भी बड़ी संख्या में आते हैं। ऐसे में होली पर भी परिजनों और दोस्तों को तोहफे देने का चलन चला है। मार्केट में रंगों के गिफ्ट पैक मिल रहे हैं, इसमें गुलाल और रंगों के छोटे-छोटे पैक हैं। इसके अलावा होली के गिफ्ट पैक में 10 अलग-अलग कलर के हर्बल परफ्यूम्स गुलाल, गुलाल भरी पिचकारी के साथ गुलाबी रूह का कलर भी ग्राहकों को खूब भा रहा है। इनकी कीमत 200 से 500 रुपए के बीच में है।
हर्बल कलर की तरफ रुख
कलर से स्किन पर होने वाले हानिकारक प्रभाव के कारण लोगों ने अब हर्बल रंगों की तरफ रुख कर लिया है। मार्केट में ग्राहकों की मांग पर अरारोट से बने रंग मिल रहे हैं। लोहारगली में गुलाल एवं रंग के थोक विक्रेता मनीष गोयल ने बताया कि रंगों के पर्व होली की खुशियों को और अधिक रंगीन बनाने के लिए इस बार कई ब्रांडेड कंपनियों ने हानिकारक केमिकल रहित रंग और गुलाल की काफी रेंज निकाली है। इनमें अरारोट से बना लाल, हरा, नीला, पीला गुलाल, परफ्यूम्स स्प्रे कलर, चेहरे को रंगने के लिए गोरा-काला क्रीम कलर, शाइन गुलाल, स्पार्कल कलर एवं गुलाल समेत रुह के रंग लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं, जो ग्राहकों को खूब पसंद आ रहा है।
होली पर फूटेंगे रंगों के बम
25 मार्च को रंग की होली है, इस बार होली पर पिछले सालों की तरह ही इस बार भी रंगों की आतिशबाजी की काफी डिमांड है। इनमें बम, लड़ी, अनार लोगों की पसंद बने हुए हैं। इन बमों को जलाने पर धमाका नहीं बल्कि रंग निकलते हैं। रॉकेट ऊपर जाकर चारों तरफ गुलाल बिखेरता है। बम की कीमत 150 रुपए से 200 रुपए है तो रॉकेट ढाई सौ रुपए से लेकर आठ सौ और हजार रुपए तक के है। खास कर युवाओं और बच्चों के बीच ये बम खासा चर्चा का विषय बने हैं।
रंग आसानी से चेहरे से होगा साफ
लुहार गली में आज पिचकारी और रंगों की दुकानें रौनक बनी हुई हैं। स्टोर्स पर रंगों के साथ पिचकारी की भी खासी बैरायटी हैं। श्रीगणेश अंडा छोटी सी पिचकारी और इसमें हर्बल रंग भरा है। छोटे बच्चे इसे खासा पसंद कर रहे हैं। गोल्ड पेस्ट, हर्बल रंग से भरा श्रीगणेश अंडा और प्रेशर इलेक्ट्रानिक पिचकारी बच्चों के लिए खास तौर से मार्केट में उपलब्ध है। सिल्वर पेस्ट की बोतल में गीला रंग भरा है, जिसे किसी के चेहरे पर जरा सा लगाते ही पूरा चेहरा रंग से भर जाएगा, लेकिन इसकी खास बात यह भी है कि यह आसानी से साफ भी हो जाएगा। जबकि कुछ रंग स्किन के लिए घातक होते हैं, जिससे लोग परहेज कर रहे हैं।
हर्बल गुलाल ग्राहकों के लिए खास
हर्बल और सादा गुलाल के अलावा इस बार मार्केट में चमकीला गुलाल भी बिक रहा है। इसके एक पैकेज की कीमत 20 रुपए हैं। पूरा पैकेज 200 रुपए का है। वहीं रंगों की अलग-अगल बैरायटी भी मार्केट में उपलब्ध है।
केमिकल रंग से आंखों को खतरा
स्कीन रोग विशेषज्ञ डॉ। प्रिया गुप्ता का कहना है कि केमिकल रंग लगने पर त्वचा में जलन होने लगती है। ऐसे में शरीर को रगडऩे से त्वचा पर दाने निकल सकते हैं। रगडऩे की बजाए जलन वाले स्थान पर ठंडा पानी डालना चाहिए। उससे काफी राहत मिलती है। केमिकल रंग बहुत गाढ़ा होता है, जो जल्दी नहीं छूटता। रंग छुड़ाने के लिए लोग बार-बार साबुन का प्रयोग करते हैं। इससे त्वचा सूखी हो जाती है। रंग छुड़ाने के लिए साबुन की बजाए लोशन व लेप का प्रयोग करना चाहिए। बच्चों की त्वचा कोमल होती है। उन्हें केमिकल रंगों से होली खेलने से रोकना चाहिए।
होली खेलने से पहले बरतें सावधानी
-शरीर के खुले हिस्से पर तेल या क्रीम लगा लेना चाहिए।
-बालों में गोले का तेल लगाना चाहिए।
-दानेदार रंगों के प्रयोग से बचें।
-शरीर के अधिकतर हिस्से को ढक लेना चहिए।
-हर्बल रंगों से खेले होली।
-आंख को रंग से बचाने के लिए चश्मा लगाए।
-रंग पड़ जाने पर आंख को रगड़े नहीं।
-रंग लगाने के बाद उसे रगडऩा नहीं चाहिए।
केमिकल रंगों के इफेक्ट
हरा रंग
कॉपर सल्फेट, आंख में एलर्जी व रोशनी कम होने का कारण
लाल रंग
पारा सल्फाइट जहरीला होता है, त्वचा का संक्रमण और कैंसर का कारण
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इस तरह बना सकते हैं प्राकृतिक रंग
हरा रंगा
पुदीना, पालक या सूखी मेहंदी को पानी में घोलकर हरा रंग हो रहा तैयार।
लाल रंग
लाल अनार के छिलके, सूखे लाल गुलाब की पंखुडियों को पानी में उबालकर.
पीला रंग
मैरीगोल्ड या टेशू के फूल पानी में उबालकर। बेसन के आटे में हल्दी मिलाकर। अनार के छिलके को पूरी रात पानी में भिगोकर.
नीला रंग
नील के पेड़ के फल या जकराडा के सूखे फूलों को पीसकर पानी में घोलकर.
गुलाबी रंग
चुकंदर की स्लाइस काटकर पानी में डाल दें, तो गुलाबी रंग होगा तैयार
मार्केट में इस बार हर्बल रंगों की अधिक डिमांड है, बच्चों और युवाओं में रंगा का अधिक क्रेज है। हर्बल रंग खासी पसंद बनी हैं।
राहुल, विक्रेता
होली पर रंग खरीदने आने वाले लोग केमिकल से बचना चाहते हैं। हर्बल रंग के साथ अरारोट का गुलाल भी ग्राहकों की पहली पसंद बना है। मोदी मास्क भी खूब बिक रहा है।
भीमसेन वर्मा, विक्रेता
अलग-अलग रंगों की पकड़ी ग्राहकों के बीच खुब पसंद की जा रही है। लाल और गुलाबी रंग की पकड़ी के साथ भगवा रंग की पकड़ी खूब बिक रही है।
मनीष गोयल, पगड़ी वाले
केमिकल से तैयार हरा रंग कॉपर सल्फेट, आंख में एलर्जी व रोशनी कम होने का कारण है, लाल रंग, पारा सल्फाइट जहरीला होता है, त्वचा का संक्रमण और कैंसर का कारण। हर्बल कलर त्वचा के लिए बेहतर है।
डॉ। राजेश माथुर, नेत्र रोग विशेषज्ञ