आगरा (ब्यूरो)। इंजीनियङ्क्षरग के बाद पुलिस सेवा में आने का ख्याल आया तो पूरी तरह समर्पित होकर काम किया। अब खाकी वर्दी में कानून के ज्ञान के साथ दिमाग में इंजीनियङ्क्षरग है। दोनों के तालमेल से पुलिस को हाईटेक बनाने में जुटे हैं। एक-दो नहीं, आगरा में छह पुलिस अफसर ऐसे हैं, जिन्होंने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से इंजीनियर की डिग्री हासिल की। मौजूदा समय में पुलिस सेवा में रहकर क्राइम कंट्रोल कर रहे हैं। इसका रिजल्ट भी देखने को मिल रहा है।

क्रिमिनल्स पर नजर के साथ क्राइम कंट्रोल
क्राइम कंट्रोल करने के साथ कानून व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए पुलिस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। प्रदेश में सबसे अधिक अपग्रेडेड सॉफ्टवेयर और एप बनाकर प्रयोग करने वाली आगरा पुलिस है। जिला पुलिस द्वारा तैयार विभिन्न साफ्टवेयर और एप का प्रयोग प्रदेश के अन्य जिलों में भी हो रहा है। इससे न केवल क्राइम कंट्रोल हो रहा है, बल्कि क्रिमिनल्स को भी आसानी से टै्रक कर अरेस्ट किया जा रहा है।


सोनम कुमार ने मॉनिटरिंग को बनाए 16 एप
इंडियन पुलिस सेवा में रहकर आईपीएस सोनम कुमार ने 16 ऐसे एप जनरेट किए हैं, जो क्रिमिनल्स को पकडऩे के साथ क्राइम कंट्रोल और उनकी मॉनिटरिंग में सहयोग कर रहे हैं। 2016 बैच के आईपीएस सोनम कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय से 2008 में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियङ्क्षरग की। डीसीपी पश्चिम के पद पर तैनात सोनम कुमार अब सॉफ्टवेयर बनाकर पुलिस को डिजिटल मॉनिटङ्क्षरग करना सिखा रहे हैं। इन्होंने ई-चुनाव एप, जनरल डायरी एप, ड्यूटी के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम, बैरियर चेङ्क्षकग एप के साथ कुल 15 एप तैयार किए हैं। इनके बनाए एप का अमरोहा, संभल, मथुरा, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, फतेहपुर समेत अन्य जिलों की पुलिस कर रही है।


पुलिस को टेक्निकली हाईटेक बनाने पर वर्क
वर्तमान के मॉर्डन सिस्टम के साथ डिपार्टमेंट को अपग्रेड करने में आईपीएस अतुल शर्मा का सहयोग रहा है। वे पुलिस को हाईटेक बनाने पर वर्क कर रहे हैं। 2016 बैच के आईपीएस अतुल शर्मा ने आईआईटी कानपुर से 2011 में इलेक्ट्रॉनिक से इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई की है। वर्तमान में वह डीसीपी पूर्वी के पद पर हैं। इंजीनियङ्क्षरग करने के बाद आधुनिक दौर में पुलिस को भी इंजीनियङ्क्षरग की टिप्स देकर उसे भी हाइटेक बनाने कार्य कर रहे हैं। छोटी से छोटी बात को समझा कर विभागीय कर्मियों को एप और सॉफ्टवेयर के प्रयोग की जानकारी दे रहे हैं।


ट्रैफिक का डीडीएमएस सिस्टम बना नजीर
आईपीएस सैयद अली अब्बास ट्रैफिक को अपग्रेट करने पर वर्क कर रहे हैं। वे ट्रैफिक को डीडीएमएस सिस्टम से चला रहे हैं। जो ट्रैफिक पुलिस के लिए नजीर बना है। अब्बास शहर का ट्रैफिक कंट्रोल करने को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। 2018 बैच के आईपीएस सैयद अली अब्बास ने लखनऊ के इंटीग्रल विश्वविद्यालय से 2010 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग की। वर्तमान में डीसीपी ट्रैफिक पद पर आगरा की ट्रैफिक व्यवस्था को डिजिटली कंट्रोल कर रहे हैं। पुलिसकर्मी अपने कार्यक्षेत्र में कितने बजे पहुंचा और कितनी देर उसने ड्यूटी की, इसकी जानकारी डायनेमिक ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम (डीडीएमएस) के माध्यम से कर रहे हैं। ट्रैफिक कर्मचारियों की ड्यूटी भी डीडीएमएस के माध्यम से लग रही है।


क्राइम के पीछे की वजह को समझना होगा
2018 बैच के आईपीएस सूरज राय ने 2013 में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग की। वर्तमान में डीसीपी सिटी के पद पर आगरा में तैनात हैं। वह पुलिसकर्मियों को आधुनिक एप का प्रयोग, इसके फायदे समेत अन्य बारीकियां बता रहे हैं। क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम समेत अन्य तकनीकी की जानकारी पुलिसकर्मियों को इंजीनियर से बेहतर कोई नहीं समझा और बता सकता। यह कार्य डीसीपी सिटी द्वारा किया जा रहा है।


आदित्य के एप से घर बैठे मिल रही केस में डेट
आईपीएस आदित्य के बनाए एप का लाभ ऐसे लोगों को मिल रहा है, जो मात्र अपने मुकदमे की तारीख को पता करने के लिए दूरदराज से आते थे। वे अब अपने घर बैठे ही अपने मुकदमे की स्थिति को देखने के साथ नेक्स्ट हीयरिंग की डेट ले रहे हैं। 2021 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार ने नोएडा के जेएसएस इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज से सूचना एवं प्रौद्योगिकी में इंजीनियङ्क्षरग की। एसीपी हरीपर्वत के पद पर तैनात आदित्य कुमार साइबर क्राइम के मामलों का सुराग खोजने में पुलिस की मदद कर रहे हैं। इसके साथ इन्होंने इनवेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया। इसमें आगरा कमिश्नरेट पुलिस जरूरी समान की डिमांड कर सकती है। कोर्ट मॉनिटङ्क्षरग सिस्टम तैयार किया, इसकी मदद से लोग घर बैठे मोबाइल के माध्यम से मुकदमों की तारीख की जानकारी ले रहे हैं।


अरीब ने तैयार किया आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
पीपीएस सैयद अरीब अहमद एसीसी ट्रैफिक के पद पर रहकर व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। गूगल मैप से अरीब ट्रैफिक जाम पर नजर रखते हैं। इनके इस प्रयास से शहर के लोगों को जाम से राहत मिली है। 2018 बैच के पीपीएस सैयद अरीब अहमद ने 2012 में आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियङ्क्षरग की। वर्तमान में वह एसीपी ट्रैफिक के पद पर जिले का ट्रैफिक मैनेजमेंट आधुनिक बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। इन्होंने आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। इसके माध्यम से कहां जाम अधिक लग रहा है, इसका अंदाजा ट्रैफिक पुलिस को गूगल मैप देख होता है। इसके अनुसार तुरंत ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की टीम को वहां भेजा जाता है और नागरिकों को राहत दिलाई जा रही है।