आगरा। नगर निगम का दो महीने का कार्यकाल बचा है। बड़ा सवाल ये है जब टेबलेट बांटने थे तो पहले से बांटने थे, अब दो महीने में कौन से डिजिटल जनसेवा के कार्य करेंगे। पहले हरियाली के नाम पर डिवाइडरों पर पौधरोपण किया था। रखरखाव के अभाव में दर्जनों की संख्या में पौधे दम तोड़ गए थे। इसके अलावा इससे पहले पार्षदों को टूर पर भेजकर अनावश्यक रुप से धन की बर्बादी की थी।

ई-ऑफिस पहले बाद में आयी टेबलेट की याद
नगर निगम में ई ऑफिस की कवायद पहले ही की जा चुकी है। अब मेयर को टेबलेट वितरण की याद आयी है। बता दें कि नगर निगम में अब तक 6 हजार फाइलों को डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड किया जा चुका है। ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। तो टेबलेट वितरण का काम पहले ही हो जाना चाहिए था। मेयर का कहना है कि चार वर्ष तक पार्षद अपने मोबाइल से जनसेवा कर रहे थे। अब टेबलेट से जनसेवा के कार्य कर सकेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी पार्षदों को टेबलेट का वितरण किया गया है।

नगर निगम एक नजर में
- 16 लाख जनसंख्या नगर क्षेत्र में
- 100 वार्ड नगर निगम में
- चार जोन में बंटा हुआ है क्षेत्र
- साढ़े चार हजार नगर निगम का स्टाप
- 3.20 लाख हाउस होल्ड