सड़क को खोदना नहीं पड़ेगा
सीवर, फाइबर, विद्युत केबल और पानी की पाइप लाइन डाले जाने के लिए सड़कों को खोद दिया जाता है। सीवर लाइन डाले जाने के बाद भी सड़क सालों तक खुदी पड़ी रहती है। लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क की मरम्मत कराने से सरकार पर अतिरिक्त भार पड़ता है। इन सभी से बचने के लिए अब सड़क के दोनों ओर यूटिलिटी डक्ट बनाए जाएंगे। ताकि सड़क की खोदाई न करनी पड़े। यूटिलिटी डक्ट का निर्माण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण करने वाली संस्था की होगी।
डीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति
इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। जिसका संयोजक मार्ग से संबंधित विभाग व संस्था के अधिशासी अभियंता होंगे। किसी निजी संस्था द्वारा यदि यूटिलिटी की स्थापना व शिङ्क्षफ्टग की जानी प्रस्तावित हो तो इसके शुल्क से संबंधित निर्णय प्रशासकीय विभाग द्वारा लिया जाएगा। नए मार्गों के निर्माण एवं पूर्व निर्मित मार्गों के चौड़ीकरण, पुनर्निर्माण आदि की स्थिति में सभी यूटिलिटी सर्विसेज को सुरक्षित रूप से स्थापित किए जाने के लिए सड़क सुरक्षा एवं जनसामान्य की सुविधा को देखते हुए निर्णय लिया जा सकेगा।
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बार-बार खोदाई की नहीं होगी जरूरत
अभी तक किसी भी यूटिलिटी में प्रॉब्लम आने पर सड़क को खोद दिया जाता है। शहर में पानी की लाइन, गैस लाइन, बिजली की लाइन के लिए कई बार सड़क को खोदकर डाल दिया गया। महीनों तक ये सड़क खुदी पड़ी रहती हैं। इसके चलते क्षेत्रीय लोगों को परेशानी का सामना करना होता है। लेकिन डक्ट निर्माण के बाद इस तरह की परेशानी से बचा जा सकेगा।
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स्मार्ट सिटी के तहत बनाई गई डक्ट
शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ताजगंज क्षेत्र में डक्ट का निर्माण किया गया है। इसी डक्ट में यूटिलिटीज टेलीकॉम कंपनी की केबिल, बिजली केबिल आदि डाली जाती हैं। इसके चलते इन लाइनों की कंपनी को कभी मरम्मत की जरूरत होती है, तो खोदाई करने की आवश्यकता नहीं होती।
इस संबंध में शासनादेश आया है। यूटिलिटी डक्ट बनने से विभिन्न कार्यों के लिए सड़क को खोद दिया जाता है, इससे छुटकारा मिल सकेगा। इससे कई तरह के लाभ होंगे।
पीके शरद, अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी