आगरा। नगर निगम ने अपने सफाई कर्मचारियों का बीट चार्ट बनाया है। इस बारे में नगर निगम के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ। अतुल भारती ने बताया कि जो स्वच्छता कॉरपोरेशन के सफाई कर्मचारी हैं। वे केवल डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करेंगे। इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी नालियों का साफ करेंगे। इसके अलावा स्ट्रीट सफाई पर भी फोकस रखेंगे। नाइट स्वीपिंग भी करेंगे। इसके लिए जोनल स्तर पर बीट तय कर दी गई है। इनमें सेनेटरी इंस्पेक्टर सफाई नायक, और जेएडएओ को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसकी मॉनीटरिंग होगी। अपर नगर आयुक्त को रिपोर्ट भेजनी होगी।

इन बिन्दुओं पर टीम करेगी वेरीफिकेशन

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम शहर में कई बिन्दुओं पर वेरीफिकेशन कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें नगर निगम के एसबीएम इकाई द्वारा जो ऑनलाइन डाटा फीडिंग की गई है। उसका मिलान करेगी। इसमें जो बिन्दुओं को टीम देखेगी उनमें जनसुविधाओं का सर्विस लेवल, सिटीजन इंगेजमेंट, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, सिटी को गारबेज फ्री बनाने को क्या किया गया। सीवर समस्या के निस्तारण को किए गए उपाय, पेयजल आपूर्ति, डिजिटल माध्यम से जनसुविधाओं की स्थिति, डे्रेनेज सिस्टम, ओडीएफ आदि की स्थिति का वेरीफिकेशन करेगी।

इन पर हो रहा काम
-वेस्ट-टू एनर्जी प्लांट पर काम चल रहा है
- 4.75 करोड़ की लागत से सी एंड डी प्लांट तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा 5 एमटी का सी एंड डी का प्लांट शुरु किया गया है। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में 7500 अंक निर्धारित किए गए है।

गत वर्षो में ये रही रेंकिंग
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में आगरा 24 वें स्थान पर रहा था, जबकि 2020 के स्वच्छ सर्वेक्षण में 16 वें स्थान पर रहा.वर्ष 2019 में 82 वें स्थान पर रहा था। वर्ष 2018 में 102 वीं रेंकिंग प्राप्त हुई थी। वर्ष 2017 में 263 वीं रैंक और वर्ष 2016 में 558 वीं रैंक प्राप्त हुई थी।

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है।
- तीन प्रकार के कूड़े को सेग्रीगेट किया जा रहा है।
- गीला, सूखा और मटेरियल कंस्ट्रक्शन के कूड़े को सेग्रीगेट किया जा रहा है।
- सिटी में 6 ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं।
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर इन ट्रांसफर स्टेशनों पर लाया जाता है।
- स्टेशन से सेग्रीगेट कर कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर ले जाया जाता है।
- कुबरेपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाए गए हैं।


फीडबैक के लिए पब्लिक को अवेयर किया जा रहा है। इसमें न्यूज पेपर, रेडियो व अन्य संसाधनों से फीडबैक के लिए अवेयर किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वे अपने शहर को ज्यादा से ज्यादा फीडबैक देकर वोट करें। इसके लिए क्यूआर कोड को स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकते हंै।
एसपी सिंह यादव अपर नगर आयुक्त आगरा

इम्तिहान को तैयार फेज 6वां

कब हुई शुरूआत
केंद्र सरकार द्वारा 2016 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी। इस मिशन के तहत ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 को शुरू किया। इसके माध्यम से देशभर में विभिन्न शहरों और कस्बों में साफ-सफाई और स्वास्थ्य से संबंधित वार्षिक सर्वेक्षण होता है। इसके आधार पर देश के विभिन्न राज्यों की रैंकिंग की जाती है। ये रैंकिंग शहरों की स्वास्थ्य व अन्य आवश्यक संबंधित तथ्यों जैसे की अपशिष्ट जल निपटान आदि के आधार पर की जाती है।


7500 माक्र्स का होगा आकलन
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की प्रक्रिया अभी जारी है। इसके अंतर्गत साफ सफाई के लिए शहरों का कुल 7500 अंकों में आकलन होगा। पिछली बार ये मूल्यांकन 6000 अंकों का था। बता दें, इसबार शहरों के आकलन के लिए कई नए मानदंड जोड़े गए हैं। साथ ही जनता से फेस-टू फेस फीडबैक भी लिया जाएगा। जिसके लिए एक टीम शहरों में जाकर आम लोगों से इस बारे में कुछ क्वेश्चन के माध्यम से उनकी राय लेगी। जनता से फीडबैक की प्रक्रिया 15 अप्रैल तक चलेगी।
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फीडबैक के लिए तय की कैटेगिरी

एज ग्रुप माक्र्स
1. 15-29 वर्ष 100
2. 30-59 वर्ष 100
3. 60 वर्ष और उससे अधिक 400

फीडबैक में ये क्वेश्चंस भी होंगे शामिल
हर कैटेगिरी के लिए अलग-अलग क्वेश्चंस रखे गए है। इनमें कोविड-19 से लेकर साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक शौचालयों सहित अनेक क्वेश्चंस शामिल हैं। कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही धार्मिक व सामाजिक आयोजन से निकल रहे कूड़े के निस्तारण की क्या व्यवस्था है? इसके भी माक्र्स तय किए गए हैं।
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सर्वेक्षण में तय किए गए टोटल माक्र्स
सेक्शन निर्धारित अंक (2021) निर्धारित अंक (2022)
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 2000 3000
सिटीजन वॉयस 1800 2550
सर्टिफिकेशन 1800 2250


स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य
स्वच्छ सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शहरों को बेहतर और स्वच्छ बनाना है। इसमें ये सुनिश्चित किया जाता है कि आम लोग भी इसमें पूरी भागीदारी करें। इस मिशन का लक्ष्य देश को बेहतर और स्वच्छ बनाना है। जैसे की अलग अलग तरह के कचरे का सेग्रीगेशन किया जाए। गीला, सूखा व खतरनाक कचरा अलग-अलग किया जाए। जिससे स्वछता और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके। इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।


स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए तय टारगेट

शहरी

- डोर टू डोर सफाई
- ठोस कचरा निपटान
- खुले में शौच मुक्त शहर
- सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय
- व्यक्तिगत शौचालय
- संचार द्वारा स्वच्छता का प्रचार

रूरल

- 30 प्रतिशत बाहरी कचरा निपटान
- ग्रामीणों के लिए स्वच्छ शौचालय और उनका उपयोग
- 10 प्रतिशत सार्वजनिक कचरा निस्तारण
- घर के आसपास दूषित पानी जमा न हो 20 प्रतिशत
- जल पहुंच, जल सुरक्षा 40 प्रतिशत

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स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के लाभ व विशेषताएं
- स्वच्छ सर्वेक्षण से शहरों की स्वच्छता स्तर के आधार पर रैंकिंग की जाती है।
- इससे शहरों में सफाई और अन्य तय किए मानदंडों के आधार पर सुधार करने की प्रेरणा मिलती है।
- इसके अंतर्गत शहर को कचरा मुक्त और खुले में शौच मुक्त बनाने का प्रयास किया जाता है।
- पिछले 3 वर्षों से स्वच्छ सर्वेक्षण को डिजिटल कर दिया गया है।
- स्वच्छ भारत डिजिटल मिशन हेतु कुछ एप्लिकेशन्स को डेवलप किया गया है। अब 15 इन-हाउस और 10 थर्ड पार्टी एप्लिकेशन हैं।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में नागरिकों के फीडबैक के भी अंक मिलेंगे। जितनी ज्यादा भागीदारी होगी उतने ही अंकों में सुधार होगा। साथ ही अधिक भागीदारी वाले क्षेत्रों को भी पुरुस्कृत किया जाएगा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में देश के ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों का आकलन किया जाएगा।