आगरा(ब्यूरो)। गुरुवार को जर्जर सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल की जर्जर दीवार का ड्रेनेज पाइप मोती कटरा मार्ग की ओर गिरने से राहगीर घायल हो गया था। इस घटना के बाद डॉ। ध्रुव चौहान ने जर्जर पंत हॉस्टल, सुभाष पार्क के सामने एमजी रोड के फोटो ट््वीट करते हुए लिखा है कि यह भूत बंगला नहीं, ब्वॉयज और गल्र्स हॉस्टल है। यहां मेडिकल छात्रों के खुदकुशी करने और हत्या होने की आशंका प्लास्टर गिरने से जान जाने की ज्यादा है। पंत हॉस्टल की क्षमता 200 बेड है। हास्टल जर्जर हो चुका है, इसका आधा हिस्सा बंद कर दिया गया है। एसएन में प्रवेश लेने वाले छात्रों को मजबूरी में जर्जर हॉस्टल में रहना पड़ रहा है। महीने में 10 से 15 दिन हॉस्टल की छत से प्लास्टर गिर रहा है। शौचालय खराब हैं, पहले भी कई बार प्लास्टर गिरने से छात्र घायल हो चुके हैं। वहीं, एसएन परिसर में गल्र्स हॉस्टल है। इसकी क्षमता बढ़ाकर 150 कर दी गई है। गल्र्स हॉस्टल भी जर्जर है। इसमें क्षमता से ज्यादा मेडिकल छात्राएं रह रही हैं। बाहर से आने वाली छात्राएं कॉलेज परिसर में ही रहना चाहती हैं। ऐसे में उन्हें जर्जर हॉस्टल में रहना पड़ रहा है। हॉस्टल में पानी की सुविधा नहीं है, सीवर लाइन चोक हो जाती है। सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल भी जर्जर है। हॉस्टल का आधा हिस्सा बंद कर दिया गया है।


सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल की जमीन पर 1200 बेड की क्षमता का हॉस्टल कांप्लेक्स प्रस्तावित है। 100 करोड़ से 600-600 बेड की क्षमता के छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनेंगे। यहां अभी मेट्रो स्टेशन का काम चल रहा है, काम पूरा होने के बाद हॉस्टल का निर्माण शुरू होगा। जर्जर हॉस्टल को देखते हुए छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी देखी जा रही है।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य, एसएन मेडिकल कॉलेज