शाम से बिगड़ते हैं हालात
नगला छऊआ निवासी महेश ने बताया कि ट्रैफिक पहले भी रहता था। लेकिन अब दिन में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। शाम पांच बजे से तो सड़क पर वाहन रेंगते नजर आते हैं। अगर नगला छऊआ पर बना रेलवे फाटक बंद हो जाए तो भीषण जाम की स्थिति बन जाती है। पुलिसकर्मियों की कवायद भी बेअसर साबित होती दिखती है। रात 11 बजे तक यही हालात रहते हैं।

सड़क के बीचोंबीच खुला पड़ा मेनहोल
नगला छऊआ रेलवे फाटक से पहले ही सड़क के बीचोंबीच मेनहोल खुला पड़ा है। क्षेत्रीय निवासी सुरेश ने कहा कि खेरिया आरओबी बंद होने से अब तो यही वीआईपी रोड है। फाटक से पहले मेनहोल खुला पड़ा है। रोड पहले से ही कम चौड़ा है। ऐसे में बीचोंबीच खुले पड़े मेनहोल के चलते रास्ता और संकरा हो जाता है। कई बार वाहन सवार इसकी चपेट में आकर चोटिल हो चुके हैं। रास्ता बंद होने के चलते आला अधिकारी भी इसी रूट से गुजर रहे हैं, लेकिन किसी को भी खुला पड़ा ये मेनहोल नहीं दिख रहा है।

चार किमी का लग रहा चक्कर
रुई की मंडी निवासी रमेश ने बताया कि उनका रोज ईदगाह बस स्टैंड तक आना-जाना रहता है। पहले रुई की मंडी रेलवे फाटक खुला मिलने पर ये रास्ता सिर्फ डेढ़ किमी का तय करना पड़ता था। अब कलेक्ट्रेट, रावली, साईं का तकिया चौराहे होते हुए ईदगाह बस स्टेशन पहुंचना पड़ता है। इस दौरान कई चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल रेड लाइट पड़ती है। घंटों इंतजार करना होता है।

आरओबी निर्माण में सुरक्षा का नहीं ध्यान
खेरिया आरओबी पर बिटुमिन की परत हटा दी गई है। साथ ही पुरानी रेलिंग को तोड़ा जा रहा है। यहां सीमेंटेड रेलिंग को हटाकर लोहे की रेलिंग लगाई जा रही है। इस दौरान पुरानी रेलिंग को तोडऩे के दौरान सुरक्षा इंतजामों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मलबा आरओबी से नीचे गिर रहा है, जहां राहगीर गुजरते हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।


व्यापार भी हो गया चौपट
आरओबी बंद होने का असर सिर्फ ट्रैफिक पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि व्यापार भी चौपट हो गया है। आरओबी के पास ढाबा संचालक सोनू ने बताया कि पहले कस्टमर की अच्छी खासी संख्या थी। लेकिन अब हालात ये हो गए हैं कि पूरे दिन में पांच कस्टमर भी नहीं आ रहे हैं। कमाना तो छोडि़ए लेबर और खर्चे निकालना भी मुश्किल साबित हो रहा है। अभी तो एक महीने का समय काटना है पता नहीं क्या होगा? यही स्थिति खेरिया मोड़ के पास रेस्टोरेंट चलाने वाले मनोज की है। उनका कहना है कि अब कस्टमर की संख्या में काफी कमी आई है।



पुल बंद होने से पहले व्यापार अच्छा चल रहा था। अब दिन में होटल पर पांच कस्टमर भी नहीं आते हैं। खर्चे के साथ स्टाफ की सैलरी निकालना भी मुश्किल साबित हो रहा है।
सोनू, ढाबा संचालक

पुल बंद होने से रोड पर ट्रैफिक बढ़ गया है। दिन में कई बार जाम के हालात बन जाते हैं। शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक तो भीषण जाम रहता है।
महेश, क्षेत्रीय निवासी

नगला छऊआ में रेलवे फाटक ठीक पहले ये मेनहोल खुला पड़ा है। इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। जबकि इसी मेनहोल की चपेट में आकर कई घायल हो चुके हैं। अब तो यही वीआईपी रोड है। आला अधिकारी भी यहीं से गुजर रहे हैं।
जगदीश, क्षेत्रीय निवासी


ट्रैफिक जाम की समस्या अधिक हो गई है। रुई की मंडी रेलवे फाटक भी बंद है। इसके चलते पूरा ट्रैफिक इसी रोड पर आता है। शाम के समय तो ट्रैफिक इतना रहता है कि रोड भी क्रॉस नहीं कर सकते।
लाला, क्षेत्रीय निवासी