आगरा(ब्यूरो)। बारिश में शहर में जलभराव न हो इसके लिए नगर निगम की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है। नालों की तलीझाड़ सफाई का दावा किया जा रहा है लेकिन अब भी शहर के कई एरियाज ऐसे हैं, जहां नाले कचरे से अटे पड़े हैं। इन्हीं में से एक नाला मदिया कटरा-कैलाशपुरी रोड पर मानसिक आरोग्यशाला के सामने से गुजर रहा नाला है। ये नाला कचरे से भरा पड़ा है।
हर मानसून में सड़कें लबालब
क्षेत्रीय निवासी मनीष ने बताया कि वह पिछले 10 साल से यहां रह रहे हैं शायद ही ऐसा कोई मानसून सीजन हो जब यहां जलभराव न हुआ हो। समझ नहीं आता कि सड़क के बराबर से नाला होने के बाद भी जलभराव क्यों होता है। बारिश शुरू होते ही पानी नाले में जाए, उससे पहले ही पीछे से आ रहे पानी के चलते नाला ओवरफ्लो होने लगता है।
बारिश के दो घंटे बाद तक रहता है जलभराव
बारिश बंद होने के बाद भी क्षेत्र में से पानी नहीं उतरता है। स्थानीय निवासी महेश ने बताया कि बारिश के बाद जलभराव दूर होने में दो घंटे तक का समय लग जाता है।
शहर में जोन वाइज नालों की संख्या
जोन, बढ़े नाले, मझोले नाले, छोटे नाले, कुल नाले
हरीपर्वत 2, 55, 64, 121
लोहामंडी 8, 56, 29, 93
छत्ता 5, 72, 17, 94
ताजगंज 4, 57, 41, 102
क्षेत्र में जलभराव बहुत बड़ी समस्या है। बारिश शुरू होने के साथ ही जलभराव का डर सताने लगता है। सड़कें डूब जाती हैं। दुकानों में पानी घुस जाता है।
- सोनू, स्थानीय निवासी
कुछ देर की बारिश में ही सड़कें लबालब हो जाती हैं। बारिश बंद होने के घंटों बाद भी जलभराव दूर नहीं हो पाता है। बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
- शिव नारायण, स्थानीय निवासी
सड़क के बराबर से नाला गुजरने के बाद भी जलभराव से जूझना पड़ता है। घरों से लेकर दुकानों तक में पानी घुस जाता है। क्षेत्रीय लोगों को हर बारिश के सीजन में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
रामदास, स्थानीय निवासी