आगरा (ब्यूरो) मैं पिछले 15 दिन से चक्कर काट रहा हूं। बच्चे के एग्जामिनेशन फॉर्म के लिए आधार कार्ड बनवाना है। इसके लिए बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत है। यहां बता रहे हैं कि अगले डेढ़ से दो महीने में नंबर आएगा। इस तरह सिर्फ राहुल ही परेशान नहीं है बल्कि बर्थ सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम पहुंचने वाले अधिकतर अभिभावक इस परेशानी से जूझ रहे हैं। नगर निगम में बर्थ सर्टिफिकेट के लिए पेंडेसी काफी लंबी हो गई। जिसके चलते बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना हो, नाम में करेक्शन हो या फिर नाम लिखवाना हो, महीनों बाद का नंबर दिया जा रहा है। लेकिन अब इस मुसीबत से छुटकारा मिल सकेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शहर के हॉस्पिटल को नगर निगम अब जोन वाइज बांटने जा रहा है।
हरीपर्वत जोन से घटेगा दबाव
शहर में नगर निगम से रजिस्टर्ड 400 से अधिक हॉस्पिटल है। यहां कोई भी बर्थ और डेथ होती है तो सर्टिफिकेट एमजी रोड स्थित नगर निगम ऑफिस से बनता है। लेकिन अब इन हॉस्पिटल को जोनवाइज बांटा जा रहा है। ताजगंज और छत्ता जोन के हॉस्पिटल्स को तो सेग्रीगेट भी किया जा चुका है। लोहामंडी जोन के हॉस्पिटल के सेग्रीगेशन की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद हरीपर्वत जोन में हॉस्पिटल की संख्या सिर्फ 190 रह जाएगी, जबकि अभी 400 से अधिक है। अभी नगर निगम स्थित ऑफिस में रोज 200 से 250 आवेदन पहुंचते हैं, जबकि जोन ऑफिस में ये आंकड़ा पूरे महीने का होता है। ऐसे में जोनवाइज हॉस्पिटल का सेग्रीगेशन होने के बाद लोगों को बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट में करेक्शन समेत अन्य कार्य के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वह जोन ऑफिस से भी ये कार्य करा सकेंगे।
वेबसाइट भी दे रही धोखा
पिछले महीनों बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट की वेबसाइट बंद रही। अब भी वेबसाइट कभी भी धोखा दे जाती है। सर्वर स्लो होने से डाटा अपडेट नहीं हो पाता। इसके चलते कर्मचारियों को सर्टिफिकेट बनाने में परेशानी होती है। वहीं हरीपर्वत जोन में पेंडेसी दो महीने से अधिक की है। ऐसे में हरीपर्वत समेत हर जोन में स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। अपर नगरायुक्त एसके तिवारी ने बताया कि हॉस्पिटल को जोन वाइज बांटा जा रहा है। इसके साथ ही डिपार्टमेंट में कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
ये हैं चार जोन
- हरीपर्वत
- छत्ता
- लोहामंडी
- ताजगंज
4 जोन में बांटा गया है शहर
250 आवेदन रोज पहुंचते हैं हरीपर्वत जोन में
2 महीने से अधिक समय की पेंडेसी
बर्थ सर्टिफिकेट के लिए डॉक्यूमेंट
21 के अंदर जन्म प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे का फोटो और आधार कार्ड की प्रति
- हॉस्पिटल की प्रमाणित मूल रसीद
- दो गवाहों को आधार कार्ड की छायाप्रति
एक महीने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- प्रार्थना-पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की छाया प्रति
- हास्पिटल की प्रमाणित रसीद की मूल प्रति
- शपथ-पत्र
- सीएमओ का ऑर्डर
- दो गवाहों की आधार की कार्ड की फोटोकॉपी
एक वर्ष बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- प्रार्थना-पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- विद्यालय के प्रमाण-पत्रों की स्कूल से प्रमाणित फोटोकॉपी
- मजिस्ट्रेट के ऑर्डर के साथ शपथ पत्र
- दो गवाहों के शपथ-पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
हॉस्पिटल वाले बर्थ सर्टिफिकेट (जो आनलाइन नहीं हैं) के लिए दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- स्कूल के प्रमाण पत्रों की स्कूल से प्रमाणित फोटोकॉपी
- मजिस्ट्रेट के आर्डर के साथ शपथ-पत्र
- दो गवाहों को शपथ-पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
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मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
21 के अंदर के जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
एक माह के बाद जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- शपथ पत्र
- सीएमओ के ऑर्डर
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
एक वर्ष बाद प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- शपथ पत्र
- मजिस्ट्रेट के आर्डर साथ शपथ-पत्र
- दो गवाहों के शपथ पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
ऑफिशियल वर्जन
शहर के हॉस्पिटल्स को जोनवाइज बांटा जा रहा है। इससे किसी एक जोन पर दबाव नहीं पड़ेगा। जोनवाइज डिपार्टमेंट में कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
अंकित खंडेलवाल, नगरायुक्त
बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट के लिए ऐसी सुविधा होनी चाहिए कि व्यक्ति घर बैठे इन्हें हासिल कर सके। अब तो बर्थ सर्टिफिकेट का महत्व भी काफी बढ़ गया है।
वरुन अग्रवाल
बर्थ सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम में दो-दो महीने का नंबर दिया जा रहा है। लोग परेशान हो रहे हैं। स्कूल में एडमिशन का समय शुरू हो रहा है। इस समस्या का जल्द समाधान होना चाहिए।
मोहन सिंह लोधी
शहर के मिशनरी स्कूल्स में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में बर्थ सर्टिफिकेट में नाम दर्ज कराना हो या फिर करेक्शन कराना हो, इसके लिए पेरेंट्स को परेशान होना पड़ रहा है।
शैलेंद्र यादव