आगरा(ब्यूरो )। अभियान के अंतर्गत नगर के सभी वार्डों में ट्रिपल आर (रिड्यूस, रीफ्यूज, रीसाईकल) सेंटर स्थापित किए जाएंगे। अपर नगरायुक्त ने बताया कि इन केंद्रों के माध्यम से से घरों, दुकानों और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से ऐसी सामग्री को एकत्र किया जाएगा, इसको रीयूज या री-साईकिल किया जा सके। पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि नगर निगम मुख्यालय और बाबरपुर स्थित मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर पर भी इस प्रकार के स्थाई केंद्रों को स्थापित किया जाएगा। जन सहभागिता करते हुए पुराने कपड़ों, किताबों, खिलौने, लेदर कटिंग जैसी उपयोग न होने वाली सामग्री को एकत्र किया जाएगा। प्राप्त सामग्री की स्थिति के अनुसार उसके रीयूज एवं रीसाइकिल किए जाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
एसबीएम के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडेय ने बताया कि घरों से प्राप्त छात्रों की पुरानी किताबों को नगर निगम की लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स के लिए रखा जाएगा। पुराने कपड़ों से सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से थैले तैयार कराकर उन्हें उपयोग में लाया जाएगा। रिड्यूस के अंतर्गत नगर निगम द्वारा सभी विभागों को पत्र लिखकर अपील की जाएगी कि उनके यहां प्रयुक्त होने वाले पेपर पर दोनों ओर टाइप किए जाने की व्यवस्था को अमल में लाया जाए ताकि कागज के उपयोग को कम किया जा सके। साथ ही विभिन्न कार्यालयों से निकलने वाले अपशिष्ट जिसमें पानी की बोतलें एवं कागज की रद्दी शामिल है को नगर निगम के ट्रिपल आर केंद्रों पर दिए जाने के लिए भी अनुरोध किया जाएगा। इस पूरे कार्य को सर्कुलर इकोनॉमी से भी जोड़ा जाएगा। जिससे कि इन केंद्रों का संचालन और रखरखाव नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर नगर निगम द्वारा किया जा सके।
यह रहे मौजूद
सेंटर के शुभारंभ के दौरान जोनल सेनेटरी अधिकारी अमान शाहिद, प्रोजेक्ट मैनेजर स्वच्छ भारत मिशन केके पांडे, फीडबैक फाउंडेशन के पीयूष कुमार, नगर निगम के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक मुकेश यादव, लकी शर्मा उपस्थित रहे।
मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर के अंतर्गत ट्रिपल आर सेंटर प्रत्येक वार्ड में शुरू होंगे। नगर के नागरिकों से अनुरोध है कि उनके घरों से निकलने वाले पुराने कपड़ों पुरानी किताबों एवं कॉपियों पुराने खिलौने एवं अन्य ऐसा सामान जो उनके उपयोग के लायक ना हो को नगर निगम के इन केंद्रों पर देकर इस सेवा कार्य में अपना सहयोग के साथ ही नगर को स्वच्छ रखने में भी अपना सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।
-पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता