आगरा(ब्यूरो)। आपत्तियों को निस्तारित कर एडीए बोर्ड की बैठक में महायोजना के ड्राफ्ट को पास कराया जाएगा। इसके बाद उसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।
बोर्ड बैठक में लिया निर्णय
एडीए बोर्ड की एक जून को हुई बैठक में महायोजना पर आईं आपत्तियों पर दोबारा सुनवाई का निर्णय लिया गया था। मंगलवार सुबह 11:30 बजे से एडीए सभागार में समिति ने आपत्तियों को सुना। जगदीश अरोड़ा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पहले फतेहाबाद रोड की भूमि को जोनल पार्क में रखा गया था। फतेहाबाद रोड पर स्मार्ट सिटी समेत अन्य काम हुए हैं। इस भूमि को अब पर्यटन के लिए निर्धारित किया जाए। अशोक ओसवाल ने भी इसी तरह की आपत्ति जताई। केपी अग्रवाल ने आपत्ति की कि महायोजना, 2021 में शास्त्रीपुरम में कार्यालय के लिए भूमि निर्धारित की गई थी। महायोजना, 2031 में कार्यालय के लिए भूमि निर्धारित नहीं है। जगनपुर में एडीए और दयालबाग की सीमा को लेकर आई आपत्ति पर शासनादेश के अनुसार परीक्षण कराने के निर्देश एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने दिए।
औद्योगिक भूमि में ही रखे जाने की मांग
भूपेंद्र ङ्क्षसह सोबती ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी भूमि को व्यावसायिक भूमि में रखे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने इसे औद्योगिक भूमि में ही रखे जाने की मांग की। कई लोगों की आपत्ति इस बात को लेकर थी कि क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां अधिक हो रही हैं, लेकिन महायोजना में उसका भू उपयोग बदल दिया गया है। इसे व्यावसायिक किया जाए। कुछ किसानों ने उनकी भूमि को ग्रीन बेल्ट में रखे जाने पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि यह भूमि उनकी पैतृक संपत्ति है। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने बताया कि महायोजना के ड्राफ्ट पर आईं आपत्तियों के डाक्यूमेंट््स समिति ने देखे हैं। भू उपयोग परिवर्तन समेत अन्य आपत्तियां भी हैं। जो लोग मंगलवार को उपस्थित नहीं हो सके हैं, वह बुधवार को सुनवाई में आ सकते हैं।
स्मारकों के आसपास बने नो कंस्ट्रक्शन जोन
आर्किटेक्ट सुधांशु ने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि संरक्षित स्मारक की 100 मीटर की परिधि में किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता है। इस भूमि को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाए। एडीए इस भूमि को अपने कब्जे में ले और पार्क बनाए, इससे शहर की सुंदरता बढ़ेगी। स्मारक भी सुरक्षित रहेंगे। नहर विभाग की भूमि को पार्क या पार्किंग के लिए उपयोग में लाया जाए। सूरकुटी से ताजमहल के डाउन स्ट्रीम तक यमुना के दोनों ओर 200 मीटर की परिधि में ग्रीन जोन बनाया जाए।
पहली बार जीआईएस आधारित महायोजना
प्राधिकरण द्वारा पूर्व में महायोजना मैनुअली तैयार की जाती थी। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने इस बार जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित महायोजना तैयार करने को टेंडर कर कंपनियों का चयन किया था। गाजियाबाद की रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज द्वारा महायोजना, 2031 का ड्राफ्ट तैयार किया है।