मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनेगी
कैंट रेलवे स्टेशन का 500 करोड़ रुपए से कायाकल्प होने जा रहा है। इसे वल्र्ड क्लास स्टेशन बनाया जाएगा। वर्तमान में इस स्टेशन से हर दिन 180 ट्रेनें गुजरती हैं। यहां से 25 हजार यात्री सफर करते हैं। स्टेशन के बाहर तीन बहुमंजिला बिङ्क्षल्डग बनेंगी। इन बिङ्क्षल्डग से महज 100 मीटर की दूरी पर ही कैंट मेट्रो स्टेशन बनेगा। यह एलीवेटेड होगा। अटल चौक के पास स्टेशन जमीन से 10 मीटर की ऊंचाई पर बनेगा। ऐसे में मेट्रो से स्टेशन परिसर तक पहुंचने में यात्रियों को दिक्कत न हो, इसके लिए स्वचालित सीढिय़ां बनाई जाएंगी। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो और रेलवे स्टेशन का डिजाइन एक-दूसरे को दिखाकर बनाया जा रहा है। आने-जाने की दो-दो स्वचालित सीढिय़ां बनने से आसानी रहेगी। सीढिय़ां कौन सा विभाग बनाएगा, इसका जल्द निर्णय हो जाएगा।
दूसरे कॉरिडोर में शामिल है कैंट मेट्रो स्टेशन
मेट्रो के दो कॉरिडोर बन रहे हैं। कैंट मेट्रो स्टेशन दूसरे कॉरिडोर में शामिल है। यह कॉरिडोर कैंट रेलवे स्टेशन से काङ्क्षलदी विहार तक 16 किमी लंबा होगा। इस कॉरिडोर में कुल 16 एलीवेटेड स्टेशन होंगे। यह कॉरिडोर एमजी रोड के डिवाइडर के ठीक ऊपर से होकर गुजरेगा। यूपीएमआरसी की टीम ने कैंट सहित सात मेट्रो स्टेशन का टेंडर जारी कर दिया है। अक्टूबर से स्टेशनों का निर्माण शुरू होगा।
500 करोड़ से कैंट स्टेशन का होगा कायाकल्प
180 ट्रेनें रोज गुजरती हैं कैंट स्टेशन से
25 हजार पैसेंजर्स रोज गुजरते हैं स्टेशन पर
100 मीटर की दूरी होगी कैंट मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन की
10 मीटर की ऊंचाई पर बनेगा रेलवे स्टेशन
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तीसरी रेल लाइन के कार्य में तेजी, मिट्टी का भराव शुरू
- कीठम से भांडई तक बिछ रही लाइन, ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार
- 1700 किसानों को बांटा गया 450 करोड़ रुपए का मुआवजा
आगरा। उत्तर मध्य रेलवे की टीम ने तीसरी रेल लाइन का कार्य तेज कर दिया है। कीठम से भांडई तक बिछ रही लाइन में फिलहाल मिट्टी भराव किया जा रहा है। यह लाइन बिछने से दिल्ली-आगरा रेल खंड में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने 1700 किसानों को 450 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा है।
दो साल पहले हुआ सर्वे
दिल्ली-आगरा रेल खंड स्थित राजा की मंडी रेलवे स्टेशन का चौड़ीकरण नहीं हो सकता है। ऐसे में दो साल पूर्व तीसरी रेल लाइन के लिए सर्वे शुरू हुआ। कीठम से भांडई तक अलग से लाइन बिछाई जा रही है। रेलवे और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने सर्वे किया। तीसरी रेल लाइन के लिए 15 गांवों की 150 हेक्टेयर जमीन को चिह्नित किया गया। एक साल पूर्व जमीन के अधिग्रहण का कार्य शुरू हुआ। अब यह कार्य पूरा हो गया है। साथ ही गजट भी जारी होगा। अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति अजय कुमार ने बताया कि 450 करोड़ रुपए का मुआवजा बंट चुका है। प्रशासन ने जमीन का अधिग्रहण कर रेलवे अधिकारियों को दे दी है। उत्तर मध्य रेलवे की टीम ने भूमि को समतल करना शुरू कर दिया है। मिट्टी का भराव किया जा रहा है। यह कार्य तीन से पांच माह में पूरा होगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर ने बताया कि तीसरी रेल लाइन बिछने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। ऐसी ट्रेनें जिनका ठहराव कैंट रेलवे स्टेशन में नहीं है, वह सीधे तीसरी रेल लाइन से होकर गुजारी जाएंगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली से पलवल के मध्य चौथी रेल लाइन बिछ चुकी है।
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200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं ट्रेनें
दिल्ली-आगरा रेल खंड में 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चल सकती हैं। वर्तमान में वंदे भारत 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है।
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तेजी से बन रहा है उत्तरी बाईपास
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा खंड की टीम उत्तरी बाईपास का निर्माण कर रही है। बाईपास नेशनल हाईवे-19 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। टीम मिट्टी का भराव कर रही है। बाईपास दो साल में बनकर तैयार होगा।
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तीसरे चरण का भी चल रहा कार्य
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा खंड की टीम इनर ङ्क्षरग रोड के तीसरे चरण की रोड बना रही है। यह रोड देवरी रोड से बाद गांव तक बनेगी। इससे यमुना एक्सप्रेसवे, लखनऊ एक्सप्रेसवे सीधे ग्वालियर रोड से जुड़ सकेंगे। यह रोड दो साल में बनकर तैयार होगी।