आगरा। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक एमडीआर टीबी मरीजों को कैनामाईशिन इंजेक्टशन चार माह तक लगवाना पड़ता था लेकिन इस दवा के आने से अब इंजेक्शन से मरीजों को मुक्ति मिल जाएगी। अब इंजेक्शन की जगह टैबलेट ही मरीजों को खानी पड़ेगी। एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट विभाग विभागाध्यक्ष डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि इस दवा को अभी तक 18 वर्ष से ऊपर के एमडीआर टीबी मरीजों को दिया जाता था, लेकिन अब इसको पांच वर्ष से ऊपर के एमडीआर टीबी के सभी मरीजों को दिया जा सकेगा। इस दवा से एमडीआर टीबी नौ माह में ही ठीक हो जाएगी। स्टेट टीबी डेमोस्टे्रेशन सेंटर के कंसल्टेंट डॉ। अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक रेजीमिन को 18 साल से ऊपर के वयस्कों को ही दिया जाता था लेकिन अब इसको पांच साल से ऊपर के सभी एमडीआर टीबी मरीजों को दिया जा सकेगा।
ये रहे मौजूद
दवा लॉन्च के दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। संत कुमार, एसएनएमसी के प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता, डॉ। जीबी सिंह, डॉ। मोना वर्मा, जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह, अरविंद कुमार यादव, जिला पीएमडीटी समन्वयक शशिकांत पोरवाल, पंकज सिंह और स्टाफ मौजूद रहा।