आगरा। सीएमओ ने बताया कि एमसीपी कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी इस पुस्तिका में दे रखीं हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है।
एसीएमओ आरसीएच डॉ। संजीव वर्मन ने बताया कि कार्ड वितरण होने की संख्या कुल गर्भवती महिलाओं की संख्या पर निर्भर करता है। आगरा में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 149500 एमसीपी कार्ड वितरित किए गए हैं। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती ने बताया कि जब भी जांच व प्रसव के लिए गर्भवती जाएं, तो एमसीपी कार्ड को साथ को ले जाना न भूलें। एमसीपी कार्ड को अन्य दस्तावेजों की तरह सुरक्षित रखें। इसी कार्ड में बच्चे के वैक्सीनेशन का भी रिकॉर्ड होता है। उन्होंने बताया कि यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार शर्मा व उनकी टीम द्वारा भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
एमसीपी कार्ड के बारे में विभाग द्वारा गर्भवतियों को जागरुक किया जा रहा है। इसमें लिखी सभी जानकारियों का अनुसरण किया जाए तो जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए यह कार्ड वरदान साबित होता है।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
यह हैं एमसीपी कार्ड के फायदे
-दी गईं सेवाओं, वैक्सीनेशन आदि से लाभार्थी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता अवगत रहते हैं।
-मातृ एवं शिशु देखभाल के आधुनिक तरीकों की जानकारी मिलती है
-प्रसव की संभावित तिथि व शिशु जन्म की वास्तविक तिथि की जानकारी रहती है।
-मातृ एवं शिशु में होने वाले संभावित खतरों की जानकारी मिलती है।
-आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान एमसीपी कार्ड के उपयोग से मां व परिवार को उचित सलाह देती है।
-एमसीपी कार्ड पर दर्ज आरसीएच नंबर से स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ लेने में मदद मिलती है।
-जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में एमसीपी कार्ड सहायक होता है।