आगरा(ब्यूरो)। वेटनरी सर्जन डॉ। एलएन गुप्ता बताते हैैं कि रेबीज सबसे ज्यादा डॉग्स और कैट के बाइट या स्क्रैच करने से होता है। उन्होंने बताया कि हमें रेबीज के खतरे से बचना है तो अपने पैट डॉग या कैट को और कॉलोनी में रहने वाले स्ट्रे डॉग्स का तीन महीने की उम्र होने पर वैक्सीनेशन अवश्य कराना चाहिए। इससे जानवरों में रेबीज नहीं होगा। ऐसे में यदि वह इंसानों को काट भी लें तो रेबीज होने का खतरा नहीं होगा।
कैंप लगाकर किया जाता है वैक्सीनेशन
डॉ। एलएन गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा शहर में विभिन्न स्थानों पर जाकर स्ट्रे डॉग्स को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई जाती हैैं। इससे स्ट्रे डॉग्स में रेबीज होने का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि चाहे पैट डॉग हो या फिर स्ट्रे डॉग सभी को तीन महीने की उम्र के बाद में वैक्सीन लगवाना जरूरी है। यह वैक्सीन एक साल तक काम करती है इसके बाद में हर साल यह वैक्सीन लगवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हमारे पास को स्ट्रे एनिमल को लेकर आता है तो हम मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करा देते हैैं।
रेबीज डॉग्स को ऐसे पहचानें
डॉ। गुप्ता ने बताया कि यदि किसी डॉग या कैट को रेबीज हो जाता है तो लक्षणों से उसे पहचाना जा सकता है। ऐसे में डॉग्स का माइंड से कंट्रोल खत्म हो जाता है। कई बार वह काटने लगते हैैं। नर्व सिस्टम पर रेबीज के असर होने से वह पैरालाइज्ड हो जाते हैैं। कई बाद वह खड़ा भी नहीं हो पाते हैैं। उनके मुंह से लार तेजी से बहती है। वह वेबजह कुत्तों या लोगों को काटने लगते हैैं। यदि इन लक्षणों वाला कोई डॉग आपको अपने आस-पास दिखे तो उस डॉग की हिस्ट्री जानने की कोशिश करें और नगर निगम में उसकी शिकायत कर दें। ऐसे डॉग्स से दूर रहें। उनके पास न जाएं।
संभलकर अपने डॉग को टहलाने ले जाएं
डॉ। गुप्ता बताते हैैं कि यदि आपके पास में कोई पैट है तो उसका आपको विशेष ध्यान रखना होगा। कई बार आप अपने पैट को बाहर ले जाते हैैं तो स्ट्रे डॉग्स के उसकी भिड़ंत हो जाती है। ऐसे में कई बार डॉग्स एक-दूसरे को बाइट कर लेते हैैं। ऐसे में यदि किसी स्ट्रे डॉग को रेबीज है तो पैट डॉग को भी रेबीज होने का खतरा होता है। इसलिए अपने पैट को घर से बाहर ले जाएं तो इस बात का ध्यान रखें। यदि आपके पैट को किसी ने बाइट किया है तो अलर्ट हो जाएं। डॉक्टर से सलाह लें।
अपने लगवाएं वैक्सीन
डॉ। गुप्ता ने बताया कि यदि आपको कोई अनजान या स्ट्रे डॉग बाइट या स्क्रैच कर ले। तो इसमें लापरवाही न बरतें। अपने वैक्सीन अवश्य लगवा लें। घाव को पानी से अच्छी तरह से धो लें। एंटी रेबीज वैक्सीन को बाइट होने के दिन ही लगवा लें। इसकी पूरी पांच डोज लगवाएं। दूसरी डोज तीसरे दिन, तीसरी डोज सातवें दिन, चौथी डोज चौदहवें दिन और पांचवी डोज 28वें दिन लगवाएं।
ऐसे फैलता है रेबीज
- जब आउटर डॉग पेट डॉग को बाइट करे तो रेबीज होने का खतरा
- यदि आपको डॉग या कैट बाइट कर लें और ब्लड निकल जाए तो रेबीज होने का खतरा
जानवर में रेबीज के लक्षण
- माइंड से कंट्रोल खत्म करना
- काटने लगता है
- नर्व सिस्टम पर रेबीज के असर होने से वह पैरालाइज्ड हो जाएगा
- कुछ खाए-पिए नहीं
- खड़ा नहीं हो पा रह है
- जबड़े का खुला रह जाना
- मुंह से लगातार सलाइवा का गिरना
- रेबीज होने के दस दिन के बाद डेथ हो जाती है
इनके काटने से रेबीज होता है
- डॉग
- बिल्ली
- बंदर
रेबीज से बचाव के लिए सबसे पहले अपने पैट की उम्र तीन महीने होने पर वैक्सीनेशन जरूर कराएं। स्ट्रे डॉग्स का भी वैक्सीनेशन हो रखा है तो भी रेबीज होने का खतरा नहीं है।
- डॉ। एलएन गुप्ता,वेटनरी सर्जन, पैट्स एंड वैट्स डॉग एंड कैट क्लीनिक
रेबीज होने के लिए रेबीज एनिमल का बाइट होना जरूरी है। यदि आपके आसपास के स्ट्रे डॉग्स में रेबीज के लक्षण दिखें तो सावधान हो जाएं। उनसे दूर रहें।
- दीप्ति उपाध्याय, एक्टिविस्ट