आगरा(ब्यूरो)। ताजगंज निवासी पिंकी बताती हैं कि छह बच्चे हैं। चार बिटिया हैं। इनमें बड़ी बेटी 18 वर्ष की है। बेटी की शादी करनी है। पिता मजदूरी करते हैं। घर में किसी तरह रुपए बचाकर हर महीने हजार रुपए जमा करती थी। अब कंपनी लापता है। पता लगा कि तहसील में रुपए वापस मिल रहे हैं तो यहां फॉर्म जमा करने आए हैं। अगर रुपए वापस मिल जाएंगे तो बिटिया की शादी में मदद हो जाएगी।
मकान के लिए जोड़े रुपए
फॉर्म जमा करने पहुंची निकिता ने बताया कि वह किराये के मकान में रहती हैं। अपने सिर पर छत का ख्वाब देखा। इसके लिए किसी तरह पैसे जोडऩे शुरू किए। तभी एक कंपनी के एजेंट ने स्कीम के बारे में बताया। कहा कि पांच वर्ष में पैसा डबल हो जाएगा। उन्होंने भी रुपए जमा करने शुरू कर दिए। हर महीने पांच हजार रुपए जमा करती थी। कुछ महीने बाद ही कंपनी गायब हो गई। बाद में पता लगा कि चिटफंड कंपनी गायब हो गईं हैं।
रोज पहुंच रहे करीब 200 फॉर्म
चिटफंड में रुपए फंसने से परेशान पीडि़तों की भीड़ तहसील परिसर में जारी है। रोज करीब 200 फॉर्म जमा हो रहे हैं। अब तक 27 हजार से अधिक फॉर्म जमा हो चुके हैं। इनमें 20 से अधिक कंपनियां के नाम अब तक शामिल हो चुके हैं।
एक एजेंट ने तीन वर्ष में रुपया डबल होने का सपना दिखाया। हर महीने पांच हजार रुपए जमा किए। दो वर्ष बाद अचानक से कंपनी का ऑफिस बंद हो गया। कई जगह पता किया लेकिन कंपनी के बारे में कुछ पता नहीं लगा।
-साधना
मेरी माताजी ने किसी तरह सेविंग कर विभिन्न कंपनियों में 1.24 हजार रुपए जमा किए। सभी कंपनियां गायब हो गईं। अब तहसील परिसर में फॉर्म जमा करने आया हूं। उम्मीद है फंसी हुई रकम वापस मिल सकेगी।
दीपक कुमार
बिटिया की शादी के लिए किसी तरह रुपए जोड़ रही थी। लेकिन कंपनी गायब हो गई। अब उम्मीद है कि शायद अपनी रकम वापस मिल जाए। फॉर्म तो जमा कर दिया है।
पिंकी
चिटफंड कंपनी में करीब तीन लाख रुपए जमा थे। अचानक से कंपनी गायब हो गई। अब पूरी रकम फंस गई। मकान बनवाना है। अब अपने रुपए के लिए ही भटक रहे हैं।
मीरा देवी