आगरा(ब्यूरो)। ताजनगरी में आयोजित जी-20 सशक्तिकरण की पहली बैठक के पहले दिन महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता इतिहास का एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने कहा कि भारत सभी के कल्याण के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इच्छुक है। ऐसा करते हुए वह सही अर्थों में 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना को प्रदर्शित करता है। उन्होंने विशेष रूप से भारत में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के प्रसार गाथा पर जोर दिया। जमीनी स्तर पर महिलाओं के नेतृत्व के महत्व और हर महिला को बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एक लैंगिक समावेशन कोष के माध्यम से भारत में लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के प्रयासों, हर घर में शौचालय के निर्माण और मासिक धर्म के दौरान बरती जानी वाली स्वच्छता संबंधी प्रोटोकॉल के बारे में भी बताया।

योग से हुई शुरूआत
इससे पहले बैठक की शुरूआत आयुष मंत्रालय द्वारा सुबह के समय आयोजित योग सत्र से हुई। इसका उद्देश्य शारीरिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर करने की दिशा में योग से होने वाले लाभों का प्रसार करना था। इसके बाद समाज में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिला हस्तियों के साथ ब्रेकफास्ट हुआ, जिसमें इन हस्तियों ने उन्हें पेश आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने की अपनी प्रेरणादायक कहानियों पर प्रकाश डाला। प्रतिनिधियों को राजस्थान से आनेवाली भारत की पहली एमबीए सरपंच छवि राजावत ने संबोधित किया। इसके बाद खानपान के क्षेत्र से जुड़ी उद्यमी चिकिता गुलाटी प्रतिनिधियों से रूबरू हुईं।

भारत करेगा अगुवाई
इसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदीवर पांडेय ने अपना स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में वैश्विक विकास दक्षिण के देशों की अगुवाई में होगा। भारत के पास महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और उनकी रचनात्मकता के प्रदर्शन के माध्यम से दक्षिणी दुनिया के देशों के नेतृत्व कौशल को प्रदर्शित करने की क्षमता है। 36 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों में से 27 में जेंडर बजटिंग और साथ ही सभी को डिजिटल वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसी महिला केंद्रित पहल के बारे में बताया।

चुनौतीपूर्ण हालात में देश कर रहा मेजबानी
जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ऐसे समय में जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है जब दुनिया मंदी के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन और जलवायु वित्त की आवश्यकता जैसी कई अन्य चुनौतियों का भी सामना कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक, परिणाम-उन्मुख और ठोस कार्रवाई-उन्मुख होगी। उन्होंने संकेत दिया कि भारत की विकास दर को और बढ़ाने के लिए महिलाओं की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना एवं उन्हें नेतृत्व संभालने वाले पदों पर बिठाना अत्यंत आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को बताया, जिससे महिलाएं और ज्यादा सशक्त हो रही हैं। जैसे कि जन धन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एवं इसके साथ ही एसएचजी को और ज्यादा बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाल ही में बजटीय प्रावधान करना। उन्होंने कहा कि जी-20 सशक्तिकरण पहल की सिफारिशों को प्रमुख घोषणापत्र में शामिल किया जा सकता है।

महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाया जाए
जी-20 सशक्तिकरण की अध्यक्ष डॉ। संगीता रेड्डी ने उद्यमिता, नेतृत्व और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं की प्रगति के एजेंडे को शामिल करने के विचार के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जी-20 सशक्तिकरण पहल के तहत डिजिटल समावेश का उपयोग करते हुए इसे अगले स्तर पर ले जाया जाएगा। डिजिटल कौशल के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने भारत के नेतृत्व वाले दो प्लेटफॉर्मों पर प्रकाश डाला जो वैश्विक महिला सशक्तिकरण एजेंडे को नई गति दे सकते हैं। पहला, भारत सरकार, नैसकॉम फाउंडेशन और अन्य संस्थाओं द्वारा डिजिटल साक्षरता और भविष्य में कौशल बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। इसके साथ ही एक विशेष पाठ्यक्रम भी होगा, जिसे भारत एवं पूरे विश्व में उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा। दूसरा, महिलाओं के लिए एक मार्गदर्शन (मेंटरशिप) प्लेटफॉर्म जिसे नीति आयोग के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है, और जिसे शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा।


अरबपति की बदली हुई परिभाषा
जी-20 सशक्तिकरण की अध्यक्ष डॉ। रेड्डी ने कहा कि अरबपति की नई परिभाषा के अनुसार अरबपति वह नहीं है जो एक अरब रुपए अर्जित कर लेता है, बल्कि अरबपति वह है जो एक अरब लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डालकर उन्हें जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करता है।


वैश्विक महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा ये एजेंडा

- भारत सरकार, नैसकॉम फाउंडेशन और अन्य संस्थाओं द्वारा डिजिटल साक्षरता और भविष्य में कौशल बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। इसके साथ ही एक विशेष पाठ्यक्रम भी होगा, जिसे भारत एवं पूरे विश्व में उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा।
- महिलाओं के लिए एक मार्गदर्शन (मेंटरशिप) प्लेटफॉर्म, जिसे नीति आयोग के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है, और जिसे शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा।