हेमलता ने खुद चाय बनाई, पति को भी पिलाई
आगरा(ब्यूरो)। मतदान के अगले दिन भाजपा मेयर प्रत्याशी हेमलता दिवाकर कुशवाह की सुबह देर से हुई। अब तक प्रचार के लिए रोज वे पांच बजे उठकर पूजा पाठ कर साढ़े छह बजे घर से निकलती थीं, लेकिन शुक्रवार को साढ़े आठ बजे उठीं। उन्होंने अपने और पति टीकम ङ्क्षसह कुशवाह के लिए चाय बनाई। अखबार उठा सुर्खियां तलाशने लगीं। इसी बीच समर्थकों का आना शुरू हो गया। उनके साथ चाय पर लंबी चर्चा की। कोई बूथ पर अंत तक कैसे वोट डलवाए ये बता रहा था, तो कोई जीत का गणित समझा रहा था। पार्षद सीटों पर भी चर्चा हुई, इसके बाद वे स्नान के लिए चली गईं। अब तक पति ने उनके लिए रोज की तरह दलिया तैयार करा दिया था लेकिन वे आज कुछ अलग खाने के मूड में थीं। सैंडविच फ्राइड इडली बनवाई। वे कुछ अस्वस्थ महसूस कर रही थीं। इडली खाकर उन्होंने दवा खाई और आराम करने चली गई। इस दौरान समर्थकों के संग पति ने समीकरण पर चर्चा की। दोपहर में वे उठीं तब तक समर्थकों की भीड़ जुट चुकी थी। उन्होंने दाल, चावल खाए और रण में की गई मेहनत और जीतने के समीकरण पर भी ङ्क्षचतन शुरू हुआ। शाम को वे घर से निकलीं और कई लोगों के पास पहुंच सहयोग के लिए आभार जताया।
बुखार कम होने पर जूही ने इडली खाई और किताब पढ़ी
दिनभर मतदान केंद्रों पर घूमने से जूही प्रकाश जाटव की तबीयत खराब हो गई। उन्हें बुखार आ गया। सुबह छह बजे सोकर उठ जाती थीं लेकिन बुखार के कारण शुक्रवार को सुबह नौ बजे जगीं। चुनाव प्रचार के दौरान तो जूही प्रकाश जाटव सुबह छह बजे घर से निकल जाती थीं और रात को घर लौटती थीं। बुखार और थकान के कारण सुबह नौ बजे जगीं। भाभी सपना प्रकाश ने चाय दी। उन्होंने चाय के साथ बिस्किट लिए। परिजनों के साथ बात की। बुखार 102 था, दवा ली और आराम किया। करीब एक घंटे बाद बुखार उतर गया। इसी बीच फोन भी आने लगे। समर्थक अपने-अपने क्षेत्र में सपा को मिले वोट की जानकारी देते रहे। किस वार्ड से कितने वोट मिलने की उम्मीद है, यह भी बताया। उन्होंने थकान दूर करने के लिए भतीजे गौरवांश के साथ खूब मस्ती की, उनके साथ गेम खेले। कुछ देर के लिए किताब पढ़ी, इसके बाद आराम किया। शाम को दोबारा दवा ली, इससे बुखार उतर गया। भाभी ने उनका पसंदीदा व्यंजन इडली सांभर बनाकर दिया। इसे खाने के बाद डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए चली गईं।
डॉ। लता ने परिवार के साथ बिताया समय
बसपा से मेयर प्रत्याशी डॉ। लता की दिनचर्या पूरी तरह से बदल गई। प्रचार के लिए सुबह छह बजे घर से निकल जाती थीं, लेकिन शुक्रवार को पूरी नींद ली। मां और बहन के साथ गपशप की। समर्थकों ने जब जीत के आंकड़े बताए तो थकान भी मिट गई। डॉ। लता सुबह सात बजे जगीं। बहन सीमा ने चाय बनाकर दी। चाय पीते पीते मां शीला देवी और बहन के साथ गपशप की। चुनाव प्रचार से लेकर घर परिवार की बातें कीं। अखबार पढ़े। अपने बच्चों से फोन पर बात की, पति अशोक कुमार पर समर्थकों के फोन आने लगे। दोपहर में समर्थक घर पर आ गए। उन्होंने जीत के आंकड़े बताए। जातीय समीकरण के आधार पर दावा किया जीत पक्की है। यह सुन उनके चेहरे से थकान दूर हो गई। इसके बाद समर्थक आते-जाते रहे। दोपहर में बहन के हाथ से बना खाया खाया। अक्सर प्रचार के दौरान खाने के लिए समय नहीं मिलता था। खाने में दाल रोटी सब्जी और रायता लिया। इसके बाद आराम किया। शाम को परिवार के साथ समय बिताया।