आगरा। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि चुरमुरा स्थित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हाथियों के बाड़े में पानी के पूल बनाए गए हैैं। बाड़े की जमीन को नरम और ठंडा रखने के लिए वॉटर स्प्रिंकलर भी लगाए गए हैैं। यहां पर सभी 29 हाथियों को हर सुबह नहलाया जा रहा है, इसके बाद यह हाथी अपने विशाल बाड़ों में जंबो पूल का लुत्फ उठाते हैं। जहां उम्रदराज़ हाथी ठंडे ताजा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद कर रहे हैैं, वहीं कुछ हाथी जैसे- चंचल, पीनट, कोकोनट, लक्ष्मी पूल में चारों ओर घूमती हैं और पानी में अठखेलियां भी करती है। हाथियों को दिन में अपनी पीठ पर कीचड़ और धूल फेंकने में भी मजा आता है। यह प्राकृतिक सनस्क्रीन की तरह काम करता है और उनकी त्वचा को कड़ी धूप से बचाता है।

भालूओं को खिलाए जा रहे पॉप्सिकल्स
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजऱवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एमवी ने बताया कि कीठम स्थित बीयर रेस्क्यू सेंटर में भालूओं को गर्मी से बचाने के लिए ताजा फल और पॉप्सिकल्स खिलाए जा रहे हैैं। पॉप्सिकल्स गर्मी को मात देने के लिए बर्फ में जमे हुए रसदार फलों के स्वादिष्ट टुकड़े होते हैं। भालूओं को खाने में दिए जाने वाले दलिए और पीने के पानी में विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट की खुराक दी जा रही है ताकि वे हाइड्रेटेड रहें। इसके अलावा, अलग-अलग भालूओं के कमरे में कूलर लगे हुए हैं, जो भालूओं के कमरों को ठंडा रखते हैं।


हाथियों और भालूओं को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए उन्हें प्रतिदिन विटामिन सप्लीमेंट और इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन दिया जा रहा है। इसके साथ ही उनके बाड़ों को ठंडा रखने के उपाय किए गए हैैं।
-डॉ। इलियाराजा, उपनिदेशक पशु चिकित्सा सेवा, वाइल्डलाइफ एसओएस