आगरा(ब्यूरो)। सर्वोच्च खेल पुरस्कार रानी लक्ष्मी बाई से सम्मानित रंजना का कॉलेज के दिनों में ही शूटिंग को लेकर रुझान था लेकिन पुलिस की नौकरी की चुनौतियों के सामने उन्हें प्रैक्टिस केलिए समय निकालने में कठिनाई होती थी। पुलिस में भर्ती होने के बाद साल 2007 में उन्हें बुंदेलखंड के जालौन जनपद के कालपी में तैनाती दी गई। यह इलाका डकैतों के लिए कुख्यात था और उस दौरान रंजना ने सतराजू गैंग से मुठभेड़ में दो अपहृत लोगों को मुक्त करवाया। इस मुठभेड़ में दो डकैत भी मारे गए थे। इस घटना के बाद रंजना सुखिऱ्यों में आ गई लेकिन उनकी लोकप्रियता कुछ ही दिनों बाद उनकी मुश्किल का भी कारण बनने लगी। कई बड़े क्रिमिनल्स मामलों के खुलासे के कारण वे स्थानीय प्रभावशाली लोगों को खटकने लगीं और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।
शूटिंग प्रैक्टिस की तो बरसने लगा गोल्ड
लाइन हाजिर होने के बाद वे खाली समय में एक बार फिर से शूटिंग की प्रैक्टिस में समय लगाने लगा। शूटिंग में डॉ। रंजना गुप्ता को मिले पदकों की लिस्ट काफी बड़ी है। साल 2008 में उन्हें ऑल इण्डिया पुलिस शूटिंग स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक मिला। वर्ष 2008 में ही जीवी मालवंकर बिग बोर शूटिंग स्पोर्ट्स में कांस्य पदक मिला। खेल में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए साल 2010 में उन्हें खेल निदेशालय ने 50 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया। वर्ष 2011 में नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उन्हें कांस्य पदक और ऑल इण्डिया पुलिस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता। वर्ष 2011 में ही नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 2 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीतने के बाद रंजना की जीत का सिलसिला रुका नहीं। इसके बाद एक के बाद एक उपलब्धि रंजना के खाते में दर्ज हुई। इस तरह वह लोगों के बीच चर्चा का विषय बनने लगी।
इस तरह बढ़ाया पुलिस का मान
इसके बाद कई शूटिंग कंप्टीशन में लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए 2013 में भारतीय शूटिंग टीम में यूपी पुलिस की ओर से प्रतिभाग किया। वर्ष 2013 और 2014 में वे यूपी पुलिस की सर्वश्रेष्ठ खिलाडी रहीं। वर्ष 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक लाख रुपए के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया और 2015 में उन्हें रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार प्रदान किया गया। साल 2015 में यूएसए में आयोजित वल्र्ड पुलिस गन्स में 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 कांस्य मेडल जीतकर उन्होंने प्रदेश पुलिस का मान बढ़ाया।
यूपी का सर्वोच्च खेल पुरस्कार
वर्ष 2015 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च खेल पुरस्कार रानी लक्ष्मी बाई खेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ। रंजना इस समय आगरा के पुलिस लाइन में एंटी रोमियो के पद पर हैं। इससे पहले वे पुलिस लाइन में थीं, डॉ। प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर हाल ही में उन्हें यहां तैनाती दी गई है। रंजना कहती हैं कि वे शूटिंग में यूपी पुलिस के साथ ही देश का नाम रोशन करना उनका सपना है और वे इसी सपने को साकार करने में जुटी हैं।
लाइफ में ऐसा भी आया समय
राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकीं शूटर रंजना गुप्ता के घर में 21 जून को लगी आग के कारण सारा समान जलकर खाक हो गया। इस घटना के बाद वह बेहद दुखी हो गई थीं क्योंकि उनकी अब तक की मेहनत को आग लील चुकी थी। इसमें एक दर्जन से ज्यादा पदक, अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र व साउथ कोरिया से मंगाई गई 14-14 लाख की पांच अत्याधुनिक रायफल और कारतूस भी जल गए।
रंजना ने निशानेबाजी में जीते मेडल्स
-2008 में सेकेंड ऑल इंडिया पुलिस शूटिंग स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
-2010 में शूटिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
-2011 में ऑल इंडिया पुलिस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में एक स्वर्ण व एक रजत जीता।
-2011 में 56 वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक व दो रजत पदक जीते।
-2011 में 23 वीं ऑल इंडिया जीवी मावलंकर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
-2012 में 57 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते।
-2013 में 7 वें ऑल इंडिया पुलिस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक व बेस्ट शूटर ऑफ इंडिया ट्राफी जीती।
-2014 में इंडो-भूटान इंटरनेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में भारत की तरफ से खेलकर रजत पदक जीता।
-2015 में वल्र्ड पुलिस गेम्स वर्जीनिया यूएसए में तीन स्वर्ण पदक, दो रजत व 1 कांस्य पदक जीता।
-2016 में 10 वीं ऑल इंडिया शूटिंग स्पोटर््स चैंपियनशिप में एक कांस्य पदक जीता।
-2017 में 60 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक व दो रजत पदक जीता।
-2017 में इंडो-भूटान इंटरनेशनल शूटिंग चैंपियनशिप दो में नया इंटरनेशनल रिकॉर्ड बनाते हुए तीन स्वर्ण पदक व एक रजत पदक जीता।
-2018 में 61 वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत व दो कांस्य पदक जीते।