नदी में कूद गए कर्मचारी
यमुना नदी में भैंसों के नहाने पर रोक लगी है। छह महीने में 50 भैंसों के पशुपालकों का चालान हो चुका है। 10 पशुपालकों से 70 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है। मंगलवार को नगर निगम की टीम बल्केश्वर में विशेष अभियान चलाने जा रही थी। तभी फोन पर एक शिकायत मिली और टीम जीवनी मंडी वाटरवक्र्स के पास पहुंच गई। तीन पशुपालकों की आठ भैंस नदी में नहा रही थीं, जबकि 15 भैंस पास ही खड़ी थीं। नदी में नहा रहीं भैंसों को कर्मचारियों ने पकडऩे का प्रयास किया। दो कर्मचारी नदी में कूद गए और रस्सा फेंका, लेकिन भैंस के सींगों में नहीं फंसा।

अधिकारियों ने भी की कवायद
एक कर्मचारी बाहर निकलने के दौरान गिर पड़ा। दो घंटे तक पांच कर्मचारियों ने भैंसों को पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन एक भी भैंस को पकड़ नहीं सके। यहां तक कि अधिकारियों ने भी भैंसों को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान निगम के वेटरिनरी डॉ। अजय कुमार, कर्नल एके सिंह, जेसीओ विजय कुमार आदि मौजूद रहे।

पॉलिथिन मिलने पर 40 हजार का जुर्माना
निगम की टीम ने बल्केश्वर स्थित सब्जी मंडी में छापा मारा। 15 किग्रा प्रतिबंधित प्लास्टिक के गिलास जब्त किए गए। छह दुकानदारों पर 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।

पांच होर्डिंग्स और 55 पोस्टर हटाए
नगर निगम की टीम ने मंगलवार को संजय प्लेस, मदिया कटरा, आवास विकास कॉलोनी सेक्टर चार व 12 में विशेष अभियान चलाया। इस मौके पर पांच होर्डिंग्स, 55 पोस्टर और 32 कियोस्क हटाए गए।

नाले और फुटपाथ से हटाया अतिक्रमण
नगर निगम की टीम ने नुनिहाई औद्योगिक क्षेत्र, ताजगंज, आवास विकास कॉलोनी सेक्टर चार क्षेत्रों में भी अभियान चलाया। औद्योगिक क्षेत्र से 10 ठेल विक्रेताओं को हटाया गया, जबकि जेसीबी से नाले पर कब्जा किए हुए निर्माण को हटाया गया।

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यमुना नदी में भैंसों के नहाने पर रोक नहीं लग पा रही है। जबकि ये प्रतिबंधित है। कार्रवाई के बाद नदी में आने से भैंसों को रोक दिया जाता है। लेकिन कुछ दिन बाद फिर पशुपालक भैंसों को नदी में छोड़ देते हैं। सिर्फ एक दिन कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए।
डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, पर्यावरणविद्

नगर निगम की टीम को यमुना किनारे रोज पेट्रोलिंग करनी चाहिए। तभी यमुना नदी में आने से भैंसों को रोका जा सकेगा। इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता है। ये पूरी तरह प्रतिबंधित है।
ब्रज खंडेलवाल, पर्यावरणविद्