आगरा(ब्यूरो)। एत्माद्दौला के काङ्क्षलदी विहार के रहने वाले श्रीनिवास ने पुत्री खुशबू की शादी 15 मार्च 2021 को संजय पुत्र रनवीर ङ्क्षसह से की थी। नरसीपुरम थाना रिफाइनरी मथुरा निवासी संजय ने खुद को ट्रेनी आईपीएस बताया था। आईपीएस का अपना फर्जी पहचान पत्र भी उन्हें दिखाया था। खुशबू के ससुराल पहुंचने पर संजय और ससुराल वालों ने नोएडा में फ्लैट की मांग रखी। इस दौरान आरोपी ने पत्नी का गर्भपात भी करा दिया.विरोध करने पर पति और ससुराल वालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया।
जान से मारने की दी धमकी
इसी बीच श्रीनिवास को पता चला कि आरोपी संजय नोएडा में किसी महिला मित्र के साथ रहता है.आठ जून को श्रीनिवास और खुशबू नोएडा संजय से मिलने गए। उसने अपना पता नहीं दिया, खुद आकर मिला। दोबारा मिलने का प्रयास करने पर जान से मारने की धमकी दी। जिसकी शिकायत लेकर श्रीनिवास बेटी की ससुराल मथुरा पहुंचे। ससुर रनवीर और सास शिव कुमारी ने धमकी दी। ससुर ने राइफल से फायर कर दिया।
टॉयलेट में छिप गया आरोपी
श्रीनिवास ने 30 जुलाई 2022 को एत्माद्दौला थाने में संजय, रनवीर और शिव कुमारी के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना मंटोला पुलिस द्वारा की जा रही थी। पुलिस ने मंगलवार को नोएडा के आदित्य सिटी में दबिश दी। पुलिस का पता चलने पर आरोपी शौचालय में छिप गया। उसकी महिला मित्र ने संजय के वहां से मना किया। महिला पुलिस की मदद से फ्लैट की तलाशी लेने पर आरोपी वहां मिल गया। सहायक पुलिस आयुक्त सुकन्या शर्मा ने बताया कि आरोपी संजय को गिरफ्तार किया गया है।
दरोगा के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
अभियोग की विवेचना में आरोपियों से रिश्वत लेने के आरोप में दरोगा मनवीर ङ्क्षसह को निलंबित कर दिया था। पीडि़त पक्ष ने तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी से विवेचक की शिकायत की थी। आरोपियों से रिश्वत लेकर नाम निकालने, धाराओं को कम करने का आरोप लगाया था। एसएसपी ने दरोगा मनवीर के खिलाफ भ्रष्टाचार का अभियोग दर्ज कराया था।
दहेज में लिए थे 40 लाख, लग्जरी कार और सोना
खुद को ट्रेनी आईपीएस बताने वाले संजय ने दहेज में 40 लाख रुपए नकद, लग्जरी कार के अलावा 350 ग्राम सोने के जेवरात लिए थे। पुलिस अधिकारियों के साथ उसके फोटो देखकर लोगों को उसके आईपीएस होने का विश्वास हो गया था।
पुलिस दबिश से खुली फर्जी आईपीएस की पोल
पीडि़त श्रीनिवास ने बताया कि आरोपी ने सोसायटी के लोगों से खुद को आईपीएस अधिकारी बता रखा था। मंगलवार को पुलिस दबिश देने गई तो सोसायटी के लोग वहां जुट गए। पुलिस से पूछताछ करने लगे। पुलिस ने बताया कि संजय के खिलाफ अभियोग दर्ज है। वह आईपीएस अधिकारी नहीं है, जिससे सोसायटी के लोग भी हैरान रह गए। उसका रहन-सहन देखकर लोगों उसके अधिकारी होने पर विश्वास था।