आगरा। ऑल इंडिया मोटर्स कांग्रेस के सह प्रवक्ता और नेशनल चैैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स (एनसीआईसी) के ट्रांसपोर्ट सेल के चेयरमेन वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार डीजल-पेट्रोल पर दाम बढ़ा रही है। इससे महंगाई में वृद्धि हो रही है। दैनिक जरूरतों की चीजें महंगी हो गई हैं। लेकिन अभी तक ट्रांसपोटर्स ने मालभाड़ा नहीं बढ़ाया है। इसके बढऩे के बाद महंगाई का स्तर और ज्यादा बढ़ जाएगा।

रेट निर्धारित कर दें सरकार
वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि सरकार माल भाड़े के रेट भी तय कर दें। जिससे कि आम आदमी और ट्रांसपोटर्स दोनों को इससे फायदा हो। उन्होंने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश सरकार के सड़क परिवहन विभाग द्वारा राज्य परिवहन प्राधिकरण में माल भाड़े पर नियम मोटर व्हीकल एक्ट 1988 नियम(67/1) के अनुसार न्यूनतम दर निश्चित करने के लिए सरकार से आग्रह भी किया है।

बढ़ता जा रहा खर्चा
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सदस्य गिरीश अग्रवाल ने बताया कि माल भाड़े परिवहन पर न्यूनतम दर बीते 23 साल से लंबित है। जबकि महंगाई बढऩे के बाद प्रदेश में रोड टैक्स, इंश्योरेंस प्रीमियम, गाड़ी की लागत, मोटर पार्ट्स, टायर की लागत, अन्य रखरखाव के खर्चे आदि बढ़ गए हैैं। इसलिए अब कारोबार करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए सरकार अपनी ओर प्रति किलोमीटर के आधार पर वाहन क्षमता के अनुसार भाड़े की दर तय कर दे।

कोविडकाल में हुई मुश्किल
ट्रांसपोर्ट कारोबारी गोविंद बिंदल ने बताया कि कोविड काल में ट्रांसपोटर्स पर दोहरी मार पड़ी थी। तब एक ओर कारोबार बंद था तो दूसरी ओर गाडिय़ों की ईएमआई नहीं निकल पा रही थी। उस मुश्किल वक्त से कारोबारी अभी तक नहीं निकल पाए हैैं। तब तक बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम अब परेशान करने लगे हैैं। गोविंद बिंदल ने बताया कि पुराने वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन की फीस भी अब आठ गुना कर दी गई है। ऐसे में ट्रांसपोटर्स को और नुकसान झेलना पड़ रहा है।

फुटकर में बढ़ रहा किराया
वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि ट्रांसपोर्ट का कारोबार दो तरह से होता है। एक रिटेल और दूसरा थोक। रिटेल कारोबारियों ने कुछ जगह पर भाड़े के दाम बढ़ा दिए हैैं। कुछ जगहों पर विचार किया जा रहा है लेकिन थोक कारोबारियों ने अभी तक अपने दाम नहीं बढ़ाए हैैं। क्योंकि यहां पर कारोबार डिमांड और सप्लाई के आधार पर होता है। इस वक्त कारोबार कम होने के कारण थोक बाजार अपने रेट नहीं बढ़ा पा रहा है। ऐसे में सरकार प्रति किलोमीटर के हिसाब से भाड़े के रेट तय कर दे। ताकि ट्रांसपोटर्स को राहत मिल सके।


डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम और बढ़ते खर्चों के कारण ट्रांसपोटर्स को कारोबार करने में काफी मुश्किल हो रही है। सरकार को भाड़े के रेट निर्धारित करने की अपील की है।
-वीरेंद्र गुप्ता, सह प्रवक्ता, ऑल इंडिया मोटर्स कांग्रेस

पुराने वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन की फीस को आठ गुना तक बढ़ा दिया गया है। टोल के टैक्स रेट भी बढ़ा दिए हैैं। ऐसे में हमें कारोबार में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
-गिरीश अग्रवाल, सदस्य, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस

पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे के बाद महंगाई का स्तर काफी बढ़ गया है। अभी माल भाड़ा बढ़ेगा तो इसका असर भी दैनिक वस्तुओं पर पड़ सकता है।
- गोविंद बिंदल, ट्रांसपोर्ट कारोबारी
------------
ये कर रहा ट्रांसपोटर्स को परेशान
-बढ़ता टोल टैक्स
- बढ़ते इंश्योरेंस प्रीमियम
- बढ़ती गाड़ी की लागत
- पुरानी गाड़ी का री-रजिस्ट्रेशन की फीस बढऩा